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साधना पञ्चकं : प्रवचन-36 (सूत्र-35)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-36 (सूत्र-35)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-36 (सूत्र-35)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
59 minutes
Released:
Sep 26, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 36वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने 35वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें भगवान् शंकराचार्यजी कहते हैं की "पूर्णात्मा सुसमीक्ष्यतां" - अर्थात, अपनी पूर्ण-आत्मा का अत्यंत स्पष्टता से अपरोक्ष साक्षात्कार करें। अपने को पूर्ण-आत्मा देखना ही ईश्वर से ऐैक्य देखना होता है। यह ही मोक्ष होता है। यह ही जीवन का साफल्य होता है। जो अपनी आत्मा को पूर्ण देख लेता है - वो कृतार्थ और कृतकृत्य हो जाता है। पूर्ण आत्मा के अंदर सब कुछ समा जाता है। उससे पृथक कुछ नहीं रहता है। यह अवस्था किसी चेस्टा से प्राप्त नहीं करी जाती है, बल्कि मात्र ज्ञान का विषय होता है। इसलिए आचार्य कहते हैं - सुसमीक्ष्यतां - अर्थात अच्छी तरह से देखो।
Released:
Sep 26, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore