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साधना पञ्चकं : प्रवचन-30 (सूत्र-29)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-30 (सूत्र-29)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-30 (सूत्र-29)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
60 minutes
Released:
Sep 20, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 30वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ के 29वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "शीतोष्णादि विषह्यतां"- अर्थात, सर्दी और गर्मी आदि को सहना सीखो। अगर हमें दुनियां में जीना है तो हमें दुनिया को यथावत स्वीकारते हुए उसमे रहना आना चाहिए। दुनियाँ में जो विविधता है उसमे स्वाभाविक अतियाँ हैं - बहुत सर्दी, बहुत गर्मी आदि। इन्हें द्वन्द कहा जाता है। इन्हीं के बीच ही दुनिया होती है जिसमे हमें और आप सब को इसमें जीना होता है। अब या तो हम अपने आप को मजबूत बनाए अथवा बाहरी परिवर्तन करते रहें। ज्यादा उचित अपने आप को मजबूत बनाना होता है - द्वंदों को संतुलन से सहने का सामर्थ्य को तितिक्षा कहते हैं। इसे एक दैवी गुण की तरह से देखा जाता है। एक सन्यासी के लिए यह बहुत अच्छा गुण होता है। यह ही आचार्यश्री यहाँ बता रहे हैं।
Released:
Sep 20, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore