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गीता महायज्ञ - अध्याय-9
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Length:
99 minutes
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode
Description
श्रीमद भगवद गीता के नवें अध्याय के ऊपर आज प्रकाश डालते हुए पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी ने गीता महायज्ञ के ग्यारवें दिन बताया की यह राजविद्या राजगुह्य योग नमक अध्याय में भगवान् सद्यो मुक्ति के बारे में बताते हैं। पिछले अध्याय में क्रम मुक्ति की चर्चा हुई थी। वे यहीं पर मुक्त हो जाने की विद्या बताते हुई कहते हैं की हमें कण-कण में व्याप्त जानो। हमारे अंदर जगत विराजमान है और हम सबकी आत्मा हैं। वस्तुतः हम समस्त चीज़ों में विराजमान हैं। हमारे अलावा कुछ नहीं है। जब नाम-रूपों के मिथ्यात्व का निश्चय हो जाता है तब यह भी स्पष्ट हो जाता है की परात्मा के अलावा कुछ नहीं है। अपने विज्ञानं के तरीके के बारे में कहते हुए बताते हैं की इसी सारतम तत्त्व के महत्त्व से जनित आदर और भक्ति ही विज्ञानं का तरीका होती है। भक्ति की स्तुति करते हुए वे कहते हैं की किसी भी मनुष्य का कैसा भी भूतकाल हो, वे सब भक्ति से निर्मल हो जाते हैं।
Released:
Mar 20, 2021
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Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ६ : आत्मसंयम योग by Vedanta Ashram Podcasts