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एकश्लोकि श्रवण माला - २
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Length:
63 minutes
Released:
Mar 14, 2021
Format:
Podcast episode
Description
श्रवण माला कार्यक्रम के अंतर्गत "एकश्लोकि" नामक प्रकरण पर चर्चा करते हुए इस ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने आत्म-ज्ञान की जिज्ञासा से युक्त व्यक्ति को सीधी एवं सरल साधना बताते के इच्छा से युक्त आचार्य कहते हैं की यह तुम जानते हो की प्रत्येक अनुभूति में किसी न किसी इष्ट विषय को जानने, प्राप्त करने और अनुभव करने का प्रयास होता है। विषय जड़ होते हैं अतः सभी अनुभूतियों में हमें किसी न किसी प्रकाशक की जरूरत पड़ती है। तुम केवल उस प्रकाशक का ज्ञान प्राप्त करो। हम सब विषयों में इतना खो जाते हैं की जो प्रकाशक हमें ये सब अनुभूतियाँ करा रहा है उसे ही भूल जाते हैं। इस प्रहण के उत्तर में शिष्य कहता है की हे महाराज - हम दिन में सूर्य के प्रकाश में दुनियां देखते हैं और रात को अन्य दीपक आदि के प्रकाश में विषय ज्ञान प्राप्त करते हैं। गुरु ने कहा की यह ठीक है, लेकिन अब हमें यह बताओ की तुम सूर्य अथवा दीपक किस प्रकाश में देखते हो - तो वो कहता है की हम हमारी चक्षु आदि से उनको जानते हैं। इस चर्चा के सूक्ष्म अर्थ पूज्य स्वामीजी ने बताये।
इस प्रवचन का वीडियो भी यूट्यूब पर विद्यमान है। जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर देख सकते हैं : https://youtu.be/qYLHlGot6zo
इस प्रवचन का वीडियो भी यूट्यूब पर विद्यमान है। जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर देख सकते हैं : https://youtu.be/qYLHlGot6zo
Released:
Mar 14, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय १६ : दैवासुरसम्पद्विभागयोग by Vedanta Ashram Podcasts