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गीता महायज्ञ - अध्याय-5
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Length:
79 minutes
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode
Description
गीता महायज्ञ के सातवें दिन गीता के कर्मसन्यास योग नामक पांचवें अध्याय का सार बताते हुए पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने कहा कि इस अध्याय का प्रारम्भ अर्जुन के एक प्रश्न से होता है। वो पूँछता है की हे कृष्ण, हमने देखा की आप कभी कर्म से सन्यास की स्तुति करते हैं और कभी कर्मा योग की - कृपया हमें इन दोनों में से जो भी श्रेयस्कर है उसका निश्चय करके बताएं। भगवाब ने कहा की अर्जुन ये दोनों - कर्म-सन्यास और कर्म-योग, दोनों ही व्यक्ति के आध्यात्मिक उत्थान के लिए ही होते हैं। इन दोनों में पहले व्यक्ति को कर्म-योग का आश्रय लेना चाहिए, ये हमें कर्म-सन्यास के लिए पात्र बना देता है, और जब कोई सभी कर्मों के प्रति कर्तव्यता छोड़ पूरी ऊर्जा ज्ञान के लिए लगाता है, तभी कोई भी अपने आत्मा-तत्त्व में जगने में पात्र बन पाता हैै। इसी विषय को भगवान् ने पूरे अध्याय में भगवान् ने विस्तार से समझाकर बताया।
Released:
Mar 20, 2021
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Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ६ : आत्मसंयम योग by Vedanta Ashram Podcasts