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साधना पञ्चकं : प्रवचन-08 (सूत्र-7)
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Length:
61 minutes
Released:
Aug 29, 2022
Format:
Podcast episode
Description
साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के ८वें प्रवचन में पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ में प्रतिपादित सातवें सोपान एवं सूत्र पर प्रकाश डाला। इस पर चर्चा से पूर्व उन्होंने पिछले सूत्र के महत्त्व पर पुनः बहुत जोर दिया, और कहा की भाव-सुख के प्रति द्वेष उत्पन्न करना यहाँ आपेक्षित नहीं है, बल्कि प्रयोजन यह है कि हम बाहरी दुनियां के प्रति उचित और प्रामाणिक दृष्टी उत्पन्न कर बाहरी सुख-दुःख के प्रति सम भाव रख कर अपना संकल्प सत्य के प्रति अभिमुख करें। अंतर्मुखता उत्पन्न करने के लिए हमारी बहिर्मुखता करना आवश्यक है। जब हमारी दृष्टी में बाहरी जगत से ही सुख-दुःख प्राप्त होता है - इसीको बहिर्मुखता कहते हैं, और जब निश्चय यह हो जाये की खजाना अपने अंदर ही है, तब इसे ही अंतर्मुखता कहते हैं। अतः इस सातवें सूत्र में आचार्यश्री कहते हैं की "आत्मेच्छा व्यवसियतां", अर्थात आत्मा-ज्ञान की तीव्र इच्छा उत्पन्न करें।
Released:
Aug 29, 2022
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Podcast episode
Titles in the series (100)
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