Discover this podcast and so much more

Podcasts are free to enjoy without a subscription. We also offer ebooks, audiobooks, and so much more for just $11.99/month.

साधना पञ्चकं : प्रवचन-07 (सूत्र-6)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-07 (सूत्र-6)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-07 (सूत्र-6)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
64 minutes
Released:
Aug 28, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के ७वें प्रवचन में पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ में प्रतिपादित छठे सोपान एवं सूत्र पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की “भवसुखे दोषोनुसन्धीयताम", अर्थात, संसारी सुखों में विचार और प्रमाण पूर्वक दोष देखो, बाहरी विषयों में दोष का अनुसन्धान करो। अंतर्मुखता की प्राप्ति का यह सबसे बड़ा कदम होता है। जो व्यक्ति अपने से बाहर दुनियां में सुख की धारणा रखता है उसी को संसारी व्यक्ति कहते हैं, और जो व्यक्ति के अंदर यह प्रगाढ़ श्रद्धा हो गई है की जो दुनिया देखते देखते नष्ट हो जाती है उसमे कभी भी स्थाई सुख नहीं सकता है, वो ही अध्यात्म पथ का पथिक होता है। अगर ये विश्वास तक नहीं है तो कैसे अंदर कैसे सुख मिलेगा। ये विश्वास भी अँधा नहीं होना चाहिए, बल्कि विचार और अनुसन्धान पूर्वक निश्चय होना आवश्यक होता है।
Released:
Aug 28, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore