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साधना पञ्चकं : प्रवचन-34 (सूत्र-33)
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Length:
63 minutes
Released:
Sep 24, 2022
Format:
Podcast episode
Description
साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 34वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ के अंतिम श्लोक में प्रवेश करते हुए 33वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें भगवान् शंकराचार्यजी कहते हैं की "एकान्ते सुखमास्यतां" - अर्थात, एकान्त में सुख पूर्वक बैठें। आत्मा को ब्रह्म जानने की साधना के अगले सोपान में इस ब्रह्म-ज्ञान के साधक को अब बताया जा रहा है की अब उसे समाधी का अभ्यास करना चाहिए। इसके लिए किसी एकान्त स्थान में सुख पूर्वक बैठना सीखना चाहिए। इस सन्दर्भ में पूज्य गुरूजी ने एकान्त और अकेलेपन का भेद बताया। जब किसी अन्य के साथ की अपेक्षा हो लेकिन वो नहीं हो तब अकेलापन होता है, और जब केवल अपने साथ किसी चिंतन, ध्यान, जप आदि के लिए बैठे हों और किसी अन्य की अपेक्षा न हो तब एकान्त होता है। एकान्त में सुख पूर्वक बैठना आना चाहिए।
Released:
Sep 24, 2022
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Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ६ : आत्मसंयम योग by Vedanta Ashram Podcasts