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साधना पञ्चकं : प्रवचन-28 (सूत्र-27)
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Length:
61 minutes
Released:
Sep 18, 2022
Format:
Podcast episode
Description
साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 28वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ के 27वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "स्वादुन्नं न तु याच्यतां"- अर्थात, स्वादिष्ट अन्न की याचना नहीं करना चाहिए। ब्रह्म-ज्ञान में निष्ठा उत्पन्न करने वाले साधकों को आचार्यश्री सुझाव दे रहे हैं की जब तुम भिक्षा माँगो तब ध्यान रहे तुम किसी से भी स्वादिष्ट अन्न की याचना नहीं करना। स्वादिष्ट अन्न केवल व्यक्तिगत राग-द्वेष की अपेक्षा ही हुआ करता है और उसमे यह धारणा निहित होती है की आनन्द बाहर से आता है। यद्यपि हमारी अनुभूति यह ही दिखती है, लेकिन यथार्थ कुछ और ही होता है। आनंद का मूल स्रोत आत्मा ही होती है और अपने राग और द्वेष के कारण सुख और दुःख का स्रोत बाहर प्रतीत होने लगता है। अतः उन पुरानी आदतों को छोड़ना चाहिए और कभी भी अपनी पुरानी धारणाओं के अधीन नहीं जाना चाहिए।
Released:
Sep 18, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ७ : ज्ञान विज्ञान योग by Vedanta Ashram Podcasts