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साधना पञ्चकं : प्रवचन-15 (सूत्र-14)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-15 (सूत्र-14)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-15 (सूत्र-14)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
65 minutes
Released:
Sep 5, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 15वें प्रवचन में पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ में प्रतिपादित 14वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "प्रतिदिनं तत्पादुका सेव्यतां" - अर्थात सदैव गुरुदेव की चरण पादुका की सेवा करें, अर्थात उनके मूल्य एवं रहन-सहन के अनुरूप उनकी और उनके आश्रम की यथा आवश्यक सेवा करें। सेवा के अनेकों प्रयोजन होते हैं। एक तो आप जिनके निकट जाते हैं उनको ज्यादा अच्छी तरह से पहचान पाते हैं, और इसी प्रक्रिया में उनकी रुचियों को महत्त्व देते हुए, अपनी रुचियों को गौण कर समाप्त कर दिया जाता है। यह ही पूजा आदि का भी प्रयोजन होता है। आप ईश्वर की रुचियों के अनुरूप ही उनकी पूज्जा करते हैं। जिस देवता को जो पसंद है वो ही अर्पण करते हैं। गुरु तो जीते-जागते साक्षात् भगवान् होते हैं। यह ही सब रिश्तों में भी होता है। एक महिला जब दूसरे घर में आती है, तो इसी प्रक्रिया से गुजरती है, और यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। जीवन भर के रिश्ते के लिए आधार बन जाता है। इसलिए सीधे ज्ञान की प्राप्ति से पूर्व इस सोपान को आचार्य बताते हैं।
Released:
Sep 5, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore