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साधना पञ्चकं : प्रवचन-03 (सूत्र-2)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-03 (सूत्र-2)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-03 (सूत्र-2)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
55 minutes
Released:
Aug 24, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के तीसरे प्रवचन में पू.स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ में प्रतिपादित दूसरे सूत्र की चर्चा करी। इसमें आचार्यश्री कहते हैं की "तदुदितं कर्म स्वनुष्ठीयतां " अर्थात - वेदों में प्रतिपादित कर्मों का बहुत ही सुंदरता से अनुष्ठान करें। यहाँ सनातन धर्म का दर्शन एवं परम्पराएं स्पष्ट होती हैं, की यद्यपि हमें मूल रूप से अपने अंदर जगना है लेकिन तब भी समस्त बाहर के कर्म बहुत सुंदरता से करना सीखना चाहिए। एक तो उचित कर्म के सुन्दर अनुष्ठान से हमारे संसारी जीवन की आवश्यकताएं निश्चित रूप से अच्छी तरह से पूरी होंगी, और साथ ही साथ ऐसे लोग ही एक काम में जब अपना मन लगाना सीखते हैं तो वे ही अध्यन, ध्यान जप आदि भी अच्छी तरह से कर पाएंगे। अतः यह सिद्धांत और उपदेश सोने पे सुहागा जैसा काम करेगा।
Released:
Aug 24, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore