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साधना पञ्चकं : प्रवचन-12 (सूत्र-11)
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Length:
64 minutes
Released:
Sep 2, 2022
Format:
Podcast episode
Description
साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 12वें प्रवचन में पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ में प्रतिपादित ११वें सोपान की भूमिका एवं सूत्र पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "शान्त्यादिः परिचियतां" - अर्थात शांति आदि गुणों का चयन कर उनके लिए अभ्यास करो। इससे पिछले सूत्र में ईश्वर भक्ति की प्राप्ति हेतु लक्ष्य बताया था, अब शांति आदि गुणों की प्राप्ति की बात कह रहे हैं। ऐसा इस लिए है क्यूंकि भगवत्स्मरण ज्यादातर सकाम ही होता है। सकाम भक्ति से बाहरी अनुकूलता तो हो सकती है लेकिन मन पराधीन होता जाता है, और पराधीन मन सतत अशांत ही रहता है, और वस्तुतः ऐसे भक्त अभी भगवत प्रेमी नहीं, जगत के विषयों के ही प्रेमी बने रहते हैं। सकाम भक्ति से अहम् का निषेध नहीं बल्कि अहम् की संतुष्टि होती है - इसलिए मन स्थायी रूप से मुक्त और शांत नहीं होता है। यहाँ आचार्य कहते है की भगवत भक्ति में शांति आदि गुणों को ही लक्ष्य बनाना चाहिए।
Released:
Sep 2, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय १२ : भक्तियोग by Vedanta Ashram Podcasts