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गीता महायज्ञ - अध्याय-3
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Length:
76 minutes
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode
Description
गीता महायज्ञ के पांचवें दिन गीता के कर्म योग नामक तीसरे अध्याय का सार बताते हुए पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने कहा कि इस अध्याय का प्रारम्भ अर्जुन के एक प्रश्न से होता है। वो पूँछता है की हे जनार्दन, अगर ज्ञान, कर्म से श्रेष्ठ होता है तो आप हमें इस कर्म में क्यों प्रेरित कर रहे हैं। हे केशव ! अभी हम इन सभी बातों का समझ नहीं पा रहे हैं, कृपया हमें एक निश्चित बात बताने की कृपा करें। इसके बाद भगवान् कहते हैं की अर्जुन हम ज्ञान और कर्म दोनों की बातें इसलिए बता रहे हैं क्यों की जीवन की सर्वोत्कृष्ट अन्तर्जागृति रुपी लक्ष्य के लिए ज्ञान और कर्म दोनों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह सत्य है की जीवन की सर्वोत्कृष्ट सिद्धि तो जानने से ही प्राप्त होती हैं, लेकिन यह भी सत्य है की उस दिव्य ज्ञान के लिए पात्रता कर्म से ही प्राप्त करी जाती है। इसके बाद भगवान् ने कर्म के अनेकानेक पहलु पूरे अध्याय में बताये - जो की पूज्य स्वामीजी ने अपने उद्बोधन में अत्यंत सुन्दर और सरल तरीके से बताये।
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ७ : ज्ञान विज्ञान योग by Vedanta Ashram Podcasts