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गीता महायज्ञ - अध्याय-1
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Length:
73 minutes
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode
Description
गीता महायज्ञ के तीसरे दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी ने बताया की गीता के प्रथम अध्याय में ४७ श्लोक हैं - जिनमे १ धृतराष्ट्र, २५ संजय, एवं २१ अर्जुन के द्वारा कहे गएँ हैं। भगवन श्री कृष्ण के द्वारा एक भी श्लोक नहीं है। मात्र दो शब्द हैं। इसका नाम अर्जुन विषाद योग रखा गया है, क्यूंकि इसमें अर्जुन के विषाद जनित जिज्ञासा का उदय है। सबका विषाद योग नहीं बन पता है। इसलिए अनेकानेक लोगों में शोक के बावजूद जिज्ञासा का उदय जल्दी-जल्दी नहीं देखा जाता है, केवल पीड़ा मात्र होती है। पक्षपाती धृतराष्ट्र के वचनों से गीता का प्रारम्भ दिखता है की अर्जुन का द्वन्द जायज था। इस अध्याय को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए पूज्य स्वामीजी ने बताया की यह अध्याय हमें अर्जुन की समस्या को समझने में मदद करता है। लड़ाई के पूर्व तक अर्जुन जानता था की मतभेद मूल रूप से धर्म और अधर्म से प्रेरित नीतियों का है लेकिन जब उसने दोनों सेनाओं को निकता से देखा तो उसने मूल मुद्दे से भटककर अपने-पराए की नज़रों से देखने लगा, और तत्क्षण उसके हाथ-पैर कापने लगे। जब भी किसी को मोह हो जाता है, इसका अंजाम सदैव शोक में होता है - जो की इंसान को तोड़ के रख देता है। यह ही इस अध्याय में दिखाया गया है।
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय १६ : दैवासुरसम्पद्विभागयोग by Vedanta Ashram Podcasts