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एकश्लोकि श्रवण माला - 6
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Length:
68 minutes
Released:
Mar 18, 2021
Format:
Podcast episode
Description
वेदान्त श्रवण माला के अंतर्गत एकश्लोकी ज्ञान यज्ञ के छठे और अंतिम प्रवचन में पूज्य गुरूजी स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने बताया की परम ज्योति की खोज की यात्रा के अंतिम पड़ाव में हम लोग मन रुपी ज्योति से परम ज्योति तक कैसे पहुंचते हैं उसके लिए हम मन रुपी ज्योति पर पहले चिंतन करना चाहिए। मन रुपी ज्योति अत्यंत समर्थ होती है - वो केवल प्रकाशक ही नहीं बल्कि सृष्टा भी होती है। मन की संकल्प शक्ति दुनिया की सबसे शक्तिशाली शक्ति होती है। हम तीव्रता से कुछ भी करना चाहें हम कर सकते हैं। इसमें कर्तृत्व का अद्धभुत सामर्थ्य होता है। प्रत्येक कर्तृत्व के पीछे हमें कुछ न कुछ अनुभूति की प्राप्ति की इच्छा होती है - इसे भोक्तृत्व कहते हैं। मन की ज्योति इन कर्तृत्व एवं भोक्तृत्व से युक्त होती है। ये दोनों ज्योति के धर्म नहीं होते हैं बल्कि मन की उपज होते हैं। जब हम इन दो का रहस्य जान जाते हैं तब ज्योति इन अध्यारोप से मुक्त हो जाती है। उस ज्योति को ही ब्रह्म कहते हैं। अतः इस विवेक की कृपा से हम आत्मा को परम ज्योति स्वरुप ब्रह्म जान जाते हैं।
इस श्रवण माला के सभी छः प्रवचनों के वीडियो प्रवचन भी उपलब्ध हैं। जो भी इन्हें देखना अथवा सुनना चाहे वो निचे दिए गए प्लेलिस्ट की लिंक में जाकर सभी प्रवचनों के लिंक देख सकता है। https://www.youtube.com/watch?v=Q-apWIcTmfg&list=PLVT0gU53weD3dIaeovrN10ZGGWFHWA04r
इस श्रवण माला के सभी छः प्रवचनों के वीडियो प्रवचन भी उपलब्ध हैं। जो भी इन्हें देखना अथवा सुनना चाहे वो निचे दिए गए प्लेलिस्ट की लिंक में जाकर सभी प्रवचनों के लिंक देख सकता है। https://www.youtube.com/watch?v=Q-apWIcTmfg&list=PLVT0gU53weD3dIaeovrN10ZGGWFHWA04r
Released:
Mar 18, 2021
Format:
Podcast episode
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एकश्लोकि श्रवण माला - 4 by Vedanta Ashram Podcasts