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साधना पञ्चकं : प्रवचन-24 (सूत्र-23)
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Length:
64 minutes
Released:
Sep 14, 2022
Format:
Podcast episode
Description
साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 24वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ के 23वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "देहेहं मतिः रुझ्यतां"- अर्थात, अपने देह में अहम् की मति को समाप्त करो। ब्रह्म-ज्ञान में अपने को ब्रह्म जानने का लक्ष्य होता है, अतः आज तक जो हम सब अज्ञानवशात अपने को देह समझ रहे थे, उस मोह को शीघ्रातिशीघ्र समाप्त होना चाहिए। देह छोटा होता है, नश्वर होता है और इसके साथ तादात्म्य के कारण ही हम छोटे और जन्म-मरणवान हो गए हैं। ब्रह्म-ज्ञान में निष्ठा के लिए ये ही एक मात्र बाधक होता है। जैसे जब तक हम रस्सी को सांप समझते रहेंगे तब तक उसके यथार्थ के ज्ञान की भी संभावना नहीं होगी। अतः पूरे विवेक और मनोयोग से अपनी देहात्म-बुद्धि को समाप्त करना चाहिए।
Released:
Sep 14, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ७ : ज्ञान विज्ञान योग by Vedanta Ashram Podcasts