Discover this podcast and so much more

Podcasts are free to enjoy without a subscription. We also offer ebooks, audiobooks, and so much more for just $11.99/month.

साधना पञ्चकं : प्रवचन-18 (सूत्र-17)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-18 (सूत्र-17)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-18 (सूत्र-17)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
61 minutes
Released:
Sep 8, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 18वें प्रवचन में पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ तीसरे श्लोक में प्रवेश करते हुए उसमें प्रतिपादित 17वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "वाक्यार्थश्च विचार्यतां" - अर्थात गुरुदेव द्वारा प्रतिपादित महावाक्य के 'अर्थ पर गहराई से विचार करो'। वाक्य का निर्माण शब्दों से होता है - यहाँ महावाक्यों में एक तरफ जीव प्रतिपादक शब्द है तो दूसरी तरफ़ ईश्वर वाला। ऊपर से देखें तो वाक्य सही में बहुत ही बड़ा है - अकल्पनीय। इन दोनों के ऊपर पहले गहराई से विचार करना चाहिए, तभी पूरे वाक्य का अर्थ समझ में आ सकता है। हम लोगों को ईश्वर से एक बताया जा रहा है। जो ठीक से विचार नहीं करते हैं वे एक भयंकर अभिमान से युक्त होने की संभावना से युक्त होते हैं। इसलिए आचार्य कह रहे हैं - वाक्य पर गहराई से विचार करना, अन्यथा अनर्थ हो जायेगा।
Released:
Sep 8, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore