Discover this podcast and so much more

Podcasts are free to enjoy without a subscription. We also offer ebooks, audiobooks, and so much more for just $11.99/month.

साधना पञ्चकं : प्रवचन-40 (सूत्र-39)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-40 (सूत्र-39)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-40 (सूत्र-39)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
62 minutes
Released:
Sep 30, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 40वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने 39वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें भगवान् शंकराचार्यजी कहते हैं की "प्रारब्धं तु इह भुज्यतां" - अर्थात, अपने प्रारब्ध कर्म का यहीं भोग कर उनका क्षय करो। संचित एवं आगामी कर्मों की चर्चा करने के बाद अब आचार्यश्री प्रारब्ध कर्मों की बात करते हैं। प्रारब्ध कर्म धनुष से निकले हुए तीर के सामान हैं जो की अपने गन्तव्य में जा कर ही समाप्त होते हैं, अतः भविष्य में जो भी परिस्थिति आये उसे समत्व एवं ईश्वर इच्छा के साथ ग्रहण करके अपनी प्रतिक्रिया ईश्वर-अर्पण बुद्धि से करनी चाहिए जैसे कि कर्म योग काल में करते थे। इस तरह से तीनों प्रकार के कर्म यहाँ समाप्त हो जाते हैं।
Released:
Sep 30, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore