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साधना पञ्चकं : प्रवचन-17 (सूत्र-16)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-17 (सूत्र-16)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-17 (सूत्र-16)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
60 minutes
Released:
Sep 7, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 17वें प्रवचन में पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ के दूसरे श्लोक के अंतिम सूत्र, एवं ग्रन्थ में प्रतिपादित 16वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "श्रुतिशिरो वाक्यं समाकर्ण्यतां" - अर्थात उन श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ गुरुदेव के द्वारा आपके प्रश्न के उत्तर में वेदांत के महावाक्यों के रहस्य के प्रतिपादन को बहुत ही ध्यानपूर्वक सुनें। मूल रूप से महावाक्य - अखण्डता के अर्थ के बोधक होते हैं, अर्थात जीव और ईश्वर की एकता के प्रतिपादक। इसके अर्थ को जानने की प्रक्रिया में जीव को अपने जीवत्व का अभिमान के त्यागपूर्वक, ईश्वर के मूल तत्व को जानना होता है। इस दोनों के अधिष्ठान स्वरुप एक दिव्य सत्ता को ही परम सत्य बताया जाता है। इसको समाकर्ण्यताम - बहुत ध्यान पूर्वक सुने और इस पर चिंतन करें। यह ज्ञान ही मोक्ष दायक होता है।
Released:
Sep 7, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore