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एकश्लोकि श्रवण माला - 3
ratings:
Length:
64 minutes
Released:
Mar 15, 2021
Format:
Podcast episode
Description
वेदान्त श्रवण माला के अंतर्गत "एकश्लोकि" नामक प्रकरण पर चर्चा करते हुए ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने अभी तक के प्रसंग का निचोड़ बताया की जब एक जिज्ञासु किसी महात्माजी से पूछता है की हे प्रभु हमें आत्म-ज्ञान का सीधा और सरल रास्ता बताएं तो उन्होंने उसे मात्र एक प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने की सलाह दी - कि हम सब किस ज्योति के प्रकाश में अपने जीवन की विविध अनुभूतियाँ प्राप्त करते हैं? तो पहले उत्तर मिला - सूर्य, फिर रात को दीपक आदि, और आगे चलते हुए पता चला की हमारी इन्द्रियाँ भी प्रकाश स्वरुप होती हैं। अगर आखें न खुली हों तो हम ये सूर्य और दीपक आदि भी नहीं जान पायेंगें। मूल रूप से हमें यह पता चला की चेतना एक दिव्य एवं अलौकिक प्रकाश की तरह से होती है। हम सब के पास पांच ज्ञान-इन्द्रियाँ होती हैं। इन सब से एक विशिष्ट प्रकाश निकलता है और तब ही हम लोग शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध रुपी पांच विषयों को देख पाते हैं। दुनियां जरूर देखें लेकिन यह भी देखें की हम सब अनेकों प्रकाश के स्रोतों से युक्त हैं। यह ज्ञान ही यहाँ दिया जा रहा है। एक बार ये बात समझ में आ जाये उसके बाद गुरूजी हमें आगे ले चलेंगें।
इस प्रवचन का वीडियो भी यूट्यूब पर विद्यमान है। जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर देख सकते हैं : https://youtu.be/NRFP5LEjYTo
इस प्रवचन का वीडियो भी यूट्यूब पर विद्यमान है। जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर देख सकते हैं : https://youtu.be/NRFP5LEjYTo
Released:
Mar 15, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ३ : कर्म योग by Vedanta Ashram Podcasts