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एकश्लोकि श्रवण माला - 5
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Length:
73 minutes
Released:
Mar 17, 2021
Format:
Podcast episode
Description
वेदान्त श्रवण माला के अंतर्गत एकश्लोकी ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन पूज्य गुरूजी स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने बताया की इस परम ज्योति की खोज की यात्रा में जैसे-जैसे हम किसी दिव्य ज्योति की अपार कृपा और आशीर्वाद का ज्ञान प्राप्त करते हैं उसके अनुरूप हमारी भावना की उचित अभिव्यक्ति भी करने लगते हैं। हम लोग सूर्य देवता को अर्ग्य देने के द्वारा उनके अपार आशीर्वाद के प्रति अपनी कृज्ञता अभिव्यक्त करने लगते हैं। उसी तरह से जब हम सबने सूर्य को भी आलोकित करने वाली चक्षु की ज्योति का ज्ञान प्राप्त किया, तब भी इस ज्योति की ज्योति को उचित प्रकार से आदर प्रदान करें। भावना की अभिव्यक्ति किसी की महिमा दिल से जानने का परिणाम होती है। फिर चक्षु को विश्राम देते हुए हम यह देखे की ऐसे समय हमारी अनुभूतियाँ किस प्रकाश में प्रकाशित हो रही हैं। वह प्रकाश हमारा मन होता है। मन के ही प्रकाश में हम लोग अपने मनोराज्य की दुनियां देखते हैं। मन एक दिव्य प्रकाशक है। इस बात को भी गहराई से देखनी चाहिए।
Released:
Mar 17, 2021
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय ३ : कर्म योग by Vedanta Ashram Podcasts