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Sugandh Dashmi (Dhoop Dashmi) Arghya सुगंध दशमी (धूप दशमी) अर्घ्य
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
Sugandh Dashmi (Dhoop Dashmi) Arghya सुगंध दशमी (धूप दशमी) अर्घ्य
FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers
ratings:
Length:
3 minutes
Released:
Sep 5, 2022
Format:
Podcast episode
Description
Sugandh Dashmi Arghya सुगंध दशमी अर्घ्य • पर्व सुगंध दशै दिन जिनवर पूजै अति हरषाई,
सुगंध देह तीर्थंकर पद की पावै शिव सुखदाई।। •
सुगंध दशमी को पर्व भादवा शुक्ल में,
सब इन्द्रादिक देव आय मधि लोक में;
जिन अकृत्रिम धाम धूप खेवै तहां,
हम भी पूजत आह्वान करिकै यहां।।
•
इस अर्घ्य के साथ भगवान को धूप अर्पित की जाती है और इस पर्व को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रतिवर्ष दसलक्षण (पयुर्षण) महापर्व के अंतर्गत आने वाली भाद्रपद शुक्ल दशमी को दिगंबर जैन समाज में सुगंध दशमी का पर्व मनाया जाता है। इसे धूप दशमी, धूप खेवन पर्व भी कहा जाता है। यह व्रत पर्युषण पर्व के छठवें दिन दशमी को मनाया जाता है। इस पर्व के तहत जैन धर्मावलंबी सभी जैन मंदिरों में जाकर श्रीजी के चरणों में धूप अर्पित करते हैं। जिससे वायुमंडल सुगंधित व स्वच्छ हो जाता है। धूप की सुगंध से जिनालय महक उठते है।
सुगंध दशमी व्रत का दिगंबर जैन धर्म में काफी महत्व है और महिलाएं हर वर्ष इस व्रत को करती हैं। धार्मिक व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सारे अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्य की प्राप्ति होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सांसारिक दृष्टि से उत्तम शरीर प्राप्त होना भी इस व्रत का फल बताया गया है।
सुगंध दशमी के दिन हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह इन पांच पापों के त्याग रूप व्रत को धारण करते हुए चारों प्रकार के आहार का त्याग, मंदिर में जाकर भगवान की पूजा, स्वाध्याय, धर्मचिंतन-श्रवण, सामयिक आदि में अपना समय व्यतीत करने का महत्व है। इस दिन जैन धर्मावलंबी अपनी-अपनी श्रद्धानुसार कई मंदिरों में अपने शीश नवाकर सुंगध दशमी का पर्व बड़े ही उत्साह और उल्लासपूर्वक मनाते हैं।
सुगंध दशमी के दिन शहरों के समस्त जैन मंदिरों में जाकर 24 तीर्थंकरों को धूप अर्पित करते है तथा भगवान से प्रार्थना करेंगे कि - हे भगवान! इस सुगंध दशमी के दिन, मैं आनंद की तलाश के रूप में अपने नाम में प्रार्थना करता हूं। मैं तीर्थंकरों द्वारा बतलाए मार्ग का पालन करने की प्रार्थना करता हूं, जो ज्ञान और मुक्ति का एहसास कराते हैं। हे भगवान, मैं आपके नाम का ध्यान धरकर मोक्ष प्राप्ति की कामना करता हूं। इस भाव के साथ सभी जैन धर्मावलंबी इस पर्व को बड़े ही उत्साह और भक्तिभाव के साथ मनाते हैं।
सुगंध देह तीर्थंकर पद की पावै शिव सुखदाई।। •
सुगंध दशमी को पर्व भादवा शुक्ल में,
सब इन्द्रादिक देव आय मधि लोक में;
जिन अकृत्रिम धाम धूप खेवै तहां,
हम भी पूजत आह्वान करिकै यहां।।
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इस अर्घ्य के साथ भगवान को धूप अर्पित की जाती है और इस पर्व को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रतिवर्ष दसलक्षण (पयुर्षण) महापर्व के अंतर्गत आने वाली भाद्रपद शुक्ल दशमी को दिगंबर जैन समाज में सुगंध दशमी का पर्व मनाया जाता है। इसे धूप दशमी, धूप खेवन पर्व भी कहा जाता है। यह व्रत पर्युषण पर्व के छठवें दिन दशमी को मनाया जाता है। इस पर्व के तहत जैन धर्मावलंबी सभी जैन मंदिरों में जाकर श्रीजी के चरणों में धूप अर्पित करते हैं। जिससे वायुमंडल सुगंधित व स्वच्छ हो जाता है। धूप की सुगंध से जिनालय महक उठते है।
सुगंध दशमी व्रत का दिगंबर जैन धर्म में काफी महत्व है और महिलाएं हर वर्ष इस व्रत को करती हैं। धार्मिक व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सारे अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्य की प्राप्ति होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सांसारिक दृष्टि से उत्तम शरीर प्राप्त होना भी इस व्रत का फल बताया गया है।
सुगंध दशमी के दिन हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह इन पांच पापों के त्याग रूप व्रत को धारण करते हुए चारों प्रकार के आहार का त्याग, मंदिर में जाकर भगवान की पूजा, स्वाध्याय, धर्मचिंतन-श्रवण, सामयिक आदि में अपना समय व्यतीत करने का महत्व है। इस दिन जैन धर्मावलंबी अपनी-अपनी श्रद्धानुसार कई मंदिरों में अपने शीश नवाकर सुंगध दशमी का पर्व बड़े ही उत्साह और उल्लासपूर्वक मनाते हैं।
सुगंध दशमी के दिन शहरों के समस्त जैन मंदिरों में जाकर 24 तीर्थंकरों को धूप अर्पित करते है तथा भगवान से प्रार्थना करेंगे कि - हे भगवान! इस सुगंध दशमी के दिन, मैं आनंद की तलाश के रूप में अपने नाम में प्रार्थना करता हूं। मैं तीर्थंकरों द्वारा बतलाए मार्ग का पालन करने की प्रार्थना करता हूं, जो ज्ञान और मुक्ति का एहसास कराते हैं। हे भगवान, मैं आपके नाम का ध्यान धरकर मोक्ष प्राप्ति की कामना करता हूं। इस भाव के साथ सभी जैन धर्मावलंबी इस पर्व को बड़े ही उत्साह और भक्तिभाव के साथ मनाते हैं।
Released:
Sep 5, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
Ahoi Ashtami Santaan Prapti Mantra अहोई अष्टमी सन्तान प्राप्ति मन्त्र 1 माला by Rajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers