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Shiv Ghrit Snaan शिव घृत स्नान

Shiv Ghrit Snaan शिव घृत स्नान

FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers


Shiv Ghrit Snaan शिव घृत स्नान

FromRajat Jain ? #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers

ratings:
Length:
5 minutes
Released:
Mar 27, 2022
Format:
Podcast episode

Description

Shiv Ghrit Snaan शिव घृत स्नान ★ लिङ्गस्य दर्शनं पुण्यं दर्शनात्स्पर्शनं शुभम् स्पर्शनादर्चनं श्रेष्ठं धृतस्नान मतः परम् || शिवलिंग का दर्शन पुण्य प्रसूत होता है। दर्शन की अपेक्षा उसका स्पर्श करना शुभ है। स्पर्श की अपेक्षा अर्चन श्रेष्ठ माना गया है और धृत से स्न्नान करवाना तो परमश्रेष्ठ बताया गया है

इहामुत्रकृतं पापं घृतस्न्नानेन देहिनाम् । क्षमते शङ्करो यस्मात् तस्मात्स्न्नानं समाचरेत् || धृतस्न्नान से व्यक्ति द्वारा इहलोक परलोक में किए गए समस्त पापों को भगवान् शंकर क्षमा कर देते हैं। इस अर्थ में शिव स्नान को करवाना चाहिए। दशापराधं तोयेन क्षीरेण तु शतं तथा सहस्त्रं क्षमते दध्ना घृतेनाप्युतं शिवः ॥ शिवलिंग को जल से स्नान करवाने से दस प्रकार के अपराधों का निवारण होता है। दूध से स्न्नान करवाने से सौ पाप नष्ट होते हैं। दधि से स्नान करवाने से हजार पापों का शमन होता है। जबकि घृत से स्नान करवाने पर भगवान् शिव अयुत (दश हजार) पापों को क्षमा कर देते हैं।

नैरन्तर्येण यो मासं घृतस्नानं समाचरेत् | एकविंशत्कुलोपेतः क्रीडते दिवि रुद्रवत् ॥ जो कोई प्रतिमास निरन्तर शिवलिंग को धृत से स्नान करवाते हैं, वे अपने इक्कीस कुलों को तारकर देवता बनते हैं और रुद्र के समान ही देवलोक में क्रीड़ा करते हैं।

जलस्न्नानं पलशतं अभ्यङ्गः पञ्चविंशति | पलानां द्वेसहस्त्रे तु महासन्नानं तु भक्तितः || शिव को पच्चीस पल से स्नान करवाएँ तो वह अभ्यङ्ग होता है। सौ पलों जल से स्नान करवाएँ तो वह स्न्नान होता है। दो हजार पलों से भक्ति सहित स्नान करवाएँ तो वह महास्नान कहा जाता है। घृताभ्यङ्गे घृतस्त्राने यत्नालिङ्गं विरुक्षयेत् यवगोधूमजैश्चूर्णैः तोषयेद्गन्धयोजितैः ॥ धृतभ्यंग और धृतस्न्नान करवाने के उपरान्त शिवलिंग की चिकनाई को दूर करके रुखा करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए जौ और गेहूँ के आटे का प्रयोग सुगन्धित द्रव्यों को मिलाकर करें और शिव को सन्तुष्ट करने का यत्न करना चाहिए

सुखाष्णेनाम्भसा चापि स्नापयेत्तदनन्तरम् | घर्षयेद्विल्वपत्रैश्च तव पीठं च शोधयेत् ॥ उक्त कृत्य के उपरान्त सुहाते सुहाते गर्म जल को लेकर स्नान करवाएँ और बिल्वपत्र लेकर उससे धीरे धीरे घिसाई करें और शिवलिंग की पीठ को शोधित कर सुखाएँ । ★

|| अस्तु ||
Released:
Mar 27, 2022
Format:
Podcast episode

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