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साधना पञ्चकं : प्रवचन-27 (सूत्र-26)

साधना पञ्चकं : प्रवचन-27 (सूत्र-26)

FromVedanta Ashram Podcasts


साधना पञ्चकं : प्रवचन-27 (सूत्र-26)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
62 minutes
Released:
Sep 17, 2022
Format:
Podcast episode

Description

साधना पञ्चकं ज्ञान यज्ञ के 27वें दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द सरस्वतीजी महाराज ने ग्रन्थ के 26वें सोपान की भूमिका एवं रहस्य पर प्रकाश डाला। इसमें शंकराचार्यजी कहते हैं की "प्रतिदिनं भिक्षौषधं भुज्यतां"- अर्थात, प्रतिदिन अपनी क्षुधा रुपी रोग के निवारण के लिए भिक्षा से प्राप्त भोजन रुपी औषधि ग्रहण करो। मनुष्य शरीर बहुत महत्वपूर्ण और विशिष्ट होता है अतः इसकी उचित देख-भल एक सन्यासी को भी करनी चाहिए। इसके लिए भूख रुपी रोग के निवारण के लिए आचार्य एक विलक्षण औषधि बता रहे हैं - वो है, भिक्षा से प्राप्त भोजन। भिक्षा एक ऐसी व्यवस्स्था है जिससे लेने और देने वाला दोनों धन्य होते हैं। लेने वाले के अंदर सबके प्रति अपनापन जगता है, सब अपना परिवार दिखने लगता है, जो भी ईश्वर इच्छा से प्राप्त होता है उसे बिना राग और द्वेष के ग्रहण करता है; और देने वाले समाज में सद-ज्ञान का संरक्षण कर उसका वर्धन करते हैं। इसीसे एक अच्छे समाज का निर्माण होता है।
Released:
Sep 17, 2022
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore