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गीता महायज्ञ - अध्याय-16
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Length:
95 minutes
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode
Description
गीता महायज्ञ में श्रीमद्भगवद गीता के १६वें अध्याय (दैवासुरविभाग योग) का सार बताते हुए पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने कहा कि इस अध्याय में व्यक्ति को अपनी प्रेरणाओं के अवलोकन की प्रेरणा दी जा रही है। हम सब अध्ययन या श्रवण आदि कुछ भी करें लेकिन अंततः यह देखा जाना चाहिए की हमारे मन में अब प्रेरणा किस चीज़ की हो रही है। हमें अब क्या अच्छा लगाने लगा है। भले वो गुण आज हमारे अंदर नहीं हों लेकिन चाह अवश्य हो गयी है। इसके लिए भगवान् ने यह अध्याय दिया है। मोटे तौर से ये हमारी प्रेरणानों के दो प्रकार की होती हैं - दैवी और आसुरी। इन दोनों के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक होता है क्यूंकि दैवी संपत्ति होने से ही हम मुक्ति के पथ पर चलते हैं, और आसुरी गुणों से बंधन और प्रगाढ़ होता जाता है।
Released:
Mar 20, 2021
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Podcast episode
Titles in the series (100)
(मराठी) अध्याय १६ : दैवासुरसम्पद्विभागयोग by Vedanta Ashram Podcasts