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गीता महायज्ञ - अध्याय-18 (भाग-२)

गीता महायज्ञ - अध्याय-18 (भाग-२)

FromVedanta Ashram Podcasts


गीता महायज्ञ - अध्याय-18 (भाग-२)

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
118 minutes
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode

Description

गीता महायज्ञ में श्रीमद्भगवद गीता के अंतिम अर्थात समापन प्रवचन में वेदांत आश्रम, इंदौर के आचार्य परं पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने मोक्ष-सन्यास योग नामक १८वें अध्याय के दूसरे भाग में आगे बताते हुए कहा की गीता में भगवान् श्री कृष्ण अर्जुन को न केवल जीवन का परम लक्ष्य बताते हैं लेकिन उसके लिए साधन भी स्पष्टता से बताते हैं। लक्ष्य अपनी वास्तविकता को जानना और उसमे जगना होता है, और इसके लिए मन को सन्यस्त करना होता है, सन्यस्त मन के लिए पहले त्यागी बनना चाहिए। त्यागी होने के लिए कर्म अथवा किसी भी अन्य बाहरी चीज़ का त्याग आपेक्षित नहीं है, बल्कि कर्म में अपेक्षा एवं अभिमान आदि आतंरिक विकारों को छोड़ना होता है। ये पूरी बात भगवान् ने अनेकानेक तरीके से बताई। अंत में गीता की महिमा बताई और अर्जुन से उसके मन की स्थिति पूछी। अर्जुन ने अत्यंत धन्यता से कहा की उसका मोह नष्ट हो गया है। ग्रन्थ का समापन संजय के वचनों से हुआ, वो भी अपनी धन्यता व्यक्त करता है। 
Released:
Mar 20, 2021
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore