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एकश्लोकि श्रवण माला - 4

एकश्लोकि श्रवण माला - 4

FromVedanta Ashram Podcasts


एकश्लोकि श्रवण माला - 4

FromVedanta Ashram Podcasts

ratings:
Length:
68 minutes
Released:
Mar 16, 2021
Format:
Podcast episode

Description

वेदान्त श्रवण माला के अंतर्गत "एकश्लोकि" नामक प्रकरण पर चर्चा करते हुए ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने आगे बताया की अपनी इन्द्रियों को प्रकाश का स्रोत जानने से एक बहुत बड़ी उपलब्धि होती है, और वो यह है की हम चेतना को भी प्रकाश देखने लगते हैं। हमारी ज्योति की खोज हमें अपने अंदर मोड़ने लगाती है। एक एक इन्द्रियों के स्तर पर हमें यह अभ्यास करना चाहिए जिससे यह निश्चय दृढ़ हो जाये की हम सब एक ऐसा घड़ा है जो की पांच प्रकार की ज्योतियाँ निःसृत कर रहा है। इसके बाद ग्रंथाचार्य ने विचार आगे बढ़ाया और पूछा की यह ढीक है, अब यह बताओ की जब हमारी इन्द्रियाँ शांत या बंद हो जाती हैं तब हमें अनुभूतियाँ कैसे प्राप्त होती हैं - शिष्य ने विचार करके बताया की महाराज जब हम आँख बंद कर लेते हैं तब हमारा मन ही सब चीज़ों को प्रकाशित करता है। अतः अपने मन को ज्योति स्वरुप देखना चाहिए।
इस प्रवचन का वीडियो भी यूट्यूब पर विद्यमान है। जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर देख सकते हैं : https://youtu.be/QOmgTS6E0WA
Released:
Mar 16, 2021
Format:
Podcast episode

Titles in the series (100)

Pravachans / Moral-Stories / Chantings / Bhajans - by Mahatmas of Vedanta Ashram, Indore