कवि की मौत (रहस्य, रोमाँच)
By टी सिंह
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कवि की मौत (रहस्य, रोमाँच)
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तालिका
दो शब्द
जाँच अधिकारी
वार्तालाप
कोई रहस्य था
मकान मालकिन
मामले में दिलचस्पी
तीन दिन पहले
मौत तो एक ऐसे कवि की हुई थी जिसको शायद ही कोई जानता था, लेकिन उसकी मौत के बाद पूरे शहर में ही हलचल मच गयी थी।
पुलिस के दो अधिकारीयों ने जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट में उसकी मृत्यु को एक आत्महत्या मानकर केस को बंद कर दिया था, परन्तु कहानी तो कुछ और ही थी जो आपको केस बंद होने के बाद के पन्नो में पढ़ने को मिलेगी।
साहित्यिक संवादों के जाल में उलझी हुई कहानी आपको अंत तक व्यस्त रखेगी और आपका रुकने का मन ही नहीं लगेगा।
शुभकामना
टी सिंह
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कवि की मौत (रहस्य, रोमाँच) - टी सिंह
दो शब्द
मौत तो एक ऐसे कवि की हुई थी जिसको शायद ही कोई जानता था, लेकिन उसकी मौत के बाद पूरे शहर में ही हलचल मच गयी थी।
पुलिस के दो अधिकारीयों ने जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट में उसकी मृत्यु को एक आत्महत्या मानकर केस को बंद कर दिया था, परन्तु कहानी तो कुछ और ही थी जो आपको केस बंद होने के बाद के पन्नो में पढ़ने को मिलेगी।
साहित्यिक संवादों के जाल में उलझी हुई कहानी आपको अंत तक व्यस्त रखेगी और आपका रुकने का मन ही नहीं लगेगा।
शुभकामना
टी सिंह
Chapter 2
जाँच अधिकारी
लोगों के चेहरों पर जिज्ञासा और असमंजस साफ़ झलक रहे थे; लोग ३४ जे गली में एक घर को घेरकर खड़े थे; लेकिन वो लोग ये नहीं जानते थे के क्या कारण था जिसके कारण वो लोग वहाँ खड़े थे; देखने वाले को शायद ऐसा ही लगता के जैसे किसी प्रकार का कोई समारोह होने वाला था।
भीड़ में आकर जुड़ने वाले नए लोगों को शायद लग रहा था के कुछ बड़ा हो रहा था या बड़ा होने वाला था उस घर में या उस घर के बाहर; बस इसी जिज्ञासा से लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी; लेकिन कुछ देर में लोगो को मालूम हो गया था के उस घर में किसी की मौत हो गयी थी लेकिन उस मौत में कुछ तो ऐसा था जिसके कारण पुलिस वाले और अन्य बहुत से लोग वहाँ पहुँच चुके थे, पर वास्तविकता शायद किसी को भी मालूम नहीं थी।
शाम होते होते पुलिस अधिकारी भी आ गए और उन्होंने लाश को बाहर निकाला; वो शरीर तीन दिन तक उस घर के अंदर ही पड़ा था बिना हवा या प्रकाश पाए!
लाश के चेहरे पर एक ऐसी मुस्कान थी जिसका अर्थ शायद यही था के उसने इस गंदे इंसानी जीवन को भोग लिया था और उसका तिरस्कार कर दिया था; उस मासूम से दिख रहे चेहरे की मुस्कान में अंतिम