सार्थक
By Raja Sharma
()
About this ebook
सार्थक
कॉपीराइट
तालिका
दो शब्द
नए शहर में
उस पार्टी में
सबरीना के साथ
पार्टी के दौरान और बाद में
असलियत खुल गयी
अगर आप कोशिश करेंगे तो आपको शायद अपने ही घर में, अपने ही परिवार, में अपनी ही रिश्तेदारी में, अपने ही पड़ोस में, अपने ही दफ्तर में कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जिनके बारे में आप सोचते हैं के आप उनको पूरी तरह से जानते हैं पर वास्तव में आप उनको नहीं जानते हैं! ज़रा सोचियेगा!
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
Read more from Raja Sharma
पंखुड़ी गुलाब की (सुन्दर उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमिसेज़ डैलोवे (साराँश और विश्लेषण हिंदी में) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsरिश्ता मेरी शर्तों पर Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsद ग्रेट गैट्सबी (सारांश और विश्लेषण हिंदी में) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsवह बेदाग थी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsशुक्रिया आपका (लघु उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsद मिल ऑन द फ़्लॉस (सारांश और आलोचनात्मक विश्लेषण हिंदी में) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related to सार्थक
Related ebooks
यूँ हुई शादी (प्रेम और सम्बन्ध) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 7) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsखूबसूरत चीज है प्यार Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाश! नाम दिया जा सकता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअनिश्चितता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsCoffee Shop (Chuski Mohhabbat Ki..) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रेम के अधलिखे अध्याय (एक उत्कृष्ट उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsउस लड़की का कुबूलनामा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअपसामान्य (रहस्य, रोमांच) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsशोषित पराजित...पीड़िता से विजेता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबिल्कुल गाय जैसे: चरखा पांडे की कहानियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलव यू फॉरएवर Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsS For Siddhi (एस फॉर सिद्धि) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsहिमकण (प्यार और रोमांस) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकुछ भी हो सकता है Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआग का ब्रांड Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअलविदा (प्रेम और परिवार) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआप मैं और शैडो Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsस्वर्ग वहीं था Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकुछ नए पन्ने: उनकी यादों के Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsखंडित (लघु उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsThat Hardly Happens To Someone Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमंसा: एक मन की Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsWadiyon Ke Us Paar Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअंतिम अस्वीकृति (प्रेम और रोमांस) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअधूरा इश्क़ अधूरी कहानी: Love, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक तरफा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसुराग (रोमांच, रहस्य) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related categories
Reviews for सार्थक
0 ratings0 reviews
Book preview
सार्थक - Raja Sharma
दो शब्द
अगर आप कोशिश करेंगे तो आपको शायद अपने ही घर में, अपने ही परिवार, में अपनी ही रिश्तेदारी में, अपने ही पड़ोस में, अपने ही दफ्तर में कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जिनके बारे में आप सोचते हैं के आप उनको पूरी तरह से जानते हैं पर वास्तव में आप उनको नहीं जानते हैं! ज़रा सोचियेगा!
राजा शर्मा
Chapter 2
नए शहर में
किसी के बारे में वास्तव में जानना उतना आसान नहीं है जितना हम आमतौर पर मानते हैं। हम लगभग हर दिन एक व्यक्ति से मिलते रहे होंगे; शायद, उसके साथ घंटों समय भी बिताया होगा, लेकिन इस बात का कोई आश्वासन नहीं है कि हम उस व्यक्ति के बारे में जान पाए हैं; किसी भी इंसान के मन के अंदर के विचारों को जानने के लिए शायद कभी कभी पूरा जीवन भी कम पड़ता है।
मुझे वास्तव में यह समझना बहुत मुश्किल लगता है कि मानव मन में क्या चल रहा है, हालांकि मुझे लगता है कि मैं अपने मन को समझता हूं। मैं जानता हूं कि मेरे मन के बारे में दूसरे भी यही कह सकते हैं।
हम कितनी आसानी से दूसरों के बारे में निष्कर्ष निकाल लेते हैं! हम कुछ ऐसे लोगों पर अधिकार कर लेते हैं जिन्हें हम जानते हैं और हम उनके चरित्र, आदतों, शौक, परिवार और दोस्तों के ज्ञान के बारे में शेखी बघारते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हम उन लोगों के बारे में बहुत कम जानते हैं; जो कुछ भी हम उन लोगों के बारे में जानते हैं वो बस वही है जो वो हमको दिखाते है और जिसको दिखाने में उनको कोई आपत्ति नहीं होती है।
एक दिन अचानक