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आप मैं और शैडो
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Ebook65 pages24 minutes

आप मैं और शैडो

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About this ebook

हर आदमी कई बार स्वयं से बातें करता है और उन सारी गतिविधयों, योजनाओं, परेशानियों आदि का हल इन्ही क्रम में खोज निकलता है। यह कोई गंभीर बात नहीं बल्कि, साधारण सी बात है जिसे हम आत्ममंथन, आत्मनिर्देश अथवा आत्मसंवेदना के रूप में देखते हैं। देखा भी गया है कि जब किसी व्यक्ति की समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा होता है, तब आत्मचेतना उस जवाब को ढूँढ लाती है।
हर आदमी कई बार स्वयं से बातें करता है और उन सारी गतिविधयों, योजनाओं, परेशानियों आदि का हल इन्ही क्रम में खोज निकलता है। यह कोई गंभीर बात नहीं बल्कि, साधारण सी बात है जिसे हम आत्ममंथन, आत्मनिर्देश अथवा आत्मसंवेदना के रूप में देखते हैं। देखा भी गया है कि जब किसी व्यक्ति की समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा होता है, तब आत्मचेतना उस जवाब को ढूँढ लाती है।
हर आदमी कई बार स्वयं से बातें करता है और उन सारी गतिविधयों, योजनाओं, परेशानियों आदि का हल इन्ही क्रम में खोज निकलता है। यह कोई गंभीर बात नहीं बल्कि, साधारण सी बात है जिसे हम आत्ममंथन, आत्मनिर्देश अथवा आत्मसंवेदना के रूप में देखते हैं। देखा भी गया है कि जब किसी व्यक्ति की समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा होता है, तब आत्मचेतना उस जवाब को ढूँढ लाती है।

Languageहिन्दी
Release dateMay 22, 2018
ISBN9780463914694
आप मैं और शैडो
Author

वर्जिन साहित्यपीठ

सम्पादक के पद पर कार्यरत

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    आप मैं और शैडो - वर्जिन साहित्यपीठ

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    रॉयल्टी: रॉयल्टी 70% प्रदान की जाएगी (नोट: पुस्तक की पहली 10 प्रति की बिक्री का लाभ प्रकाशक का होगा। 11वीं प्रति की बिक्री से लेखक और संपादक को रॉयल्टी मिलनी शुरू होगी। बाकि रॉयल्टी का प्रतिशत वही रहेगा अर्थात 70% लेखक का और 30% प्रकाशक का।

    अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: ललित नारायण मिश्र (वर्जिन साहित्यपीठ) 9868429241

    प्रकाशक

    वर्जिन साहित्यपीठ

    78ए, अजय पार्क, गली नंबर 7, नया बाजार,

    नजफगढ़, नयी दिल्ली 110043

    सर्वाधिकार सुरक्षित

    प्रथम संस्करण - मई 2018

    ISBN

    कॉपीराइट © 2018

    वर्जिन साहित्यपीठ

    कॉपीराइट

    इस प्रकाशन में दी गई सामग्री कॉपीराइट के अधीन है। इस प्रकाशन के किसी भी भाग का, किसी भी रूप में, किसी भी माध्यम से - कागज या इलेक्ट्रॉनिक - पुनरुत्पादन, संग्रहण या वितरण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक वर्जिन साहित्यपीठ द्वारा अधिकृत नहीं किया जाता।

    आप मैं और शैडो

    (लघुकथा संग्रह)
    लेखिका

    रश्मि पाठक

    रश्मि पाठक

    rashmi.83p@gmail.com

    सम्प्रति: जिला राँची,

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