आप मैं और शैडो
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हर आदमी कई बार स्वयं से बातें करता है और उन सारी गतिविधयों, योजनाओं, परेशानियों आदि का हल इन्ही क्रम में खोज निकलता है। यह कोई गंभीर बात नहीं बल्कि, साधारण सी बात है जिसे हम आत्ममंथन, आत्मनिर्देश अथवा आत्मसंवेदना के रूप में देखते हैं। देखा भी गया है कि जब किसी व्यक्ति की समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा होता है, तब आत्मचेतना उस जवाब को ढूँढ लाती है।
हर आदमी कई बार स्वयं से बातें करता है और उन सारी गतिविधयों, योजनाओं, परेशानियों आदि का हल इन्ही क्रम में खोज निकलता है। यह कोई गंभीर बात नहीं बल्कि, साधारण सी बात है जिसे हम आत्ममंथन, आत्मनिर्देश अथवा आत्मसंवेदना के रूप में देखते हैं। देखा भी गया है कि जब किसी व्यक्ति की समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा होता है, तब आत्मचेतना उस जवाब को ढूँढ लाती है।
हर आदमी कई बार स्वयं से बातें करता है और उन सारी गतिविधयों, योजनाओं, परेशानियों आदि का हल इन्ही क्रम में खोज निकलता है। यह कोई गंभीर बात नहीं बल्कि, साधारण सी बात है जिसे हम आत्ममंथन, आत्मनिर्देश अथवा आत्मसंवेदना के रूप में देखते हैं। देखा भी गया है कि जब किसी व्यक्ति की समस्या का कोई समाधान नहीं मिल पा रहा होता है, तब आत्मचेतना उस जवाब को ढूँढ लाती है।
वर्जिन साहित्यपीठ
सम्पादक के पद पर कार्यरत
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आप मैं और शैडो - वर्जिन साहित्यपीठ
लेखक/संपादक मित्रों के लिए सुनहरा अवसर!!!
ईबुक प्रकाशन ISBN नंबर के साथ (बिना किसी लागत के)
अगर कोई लेखक/संपादक बिना किसी लागत के अपनी ईबुक प्रकाशित करवाना चाहते हैं, तो अपनी पाण्डुलिपि वर्ड फाइल में sonylalit@gmail.com पर भेजें।
भाषा: ईबुक हिंदी, इंग्लिश, भोजपुरी, मैथिली इत्यादि रोमन या देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली किसी भी भाषा में प्रकाशित करवाई जा सकती है।
ईबुक गूगल बुक, गूगल प्ले स्टोर और अमेज़न में प्रकाशित की जाएगी। पाण्डुलिपि भेजने से पूर्व निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर ध्यान दें:
महत्वपूर्ण एवं ध्यान देने योग्य बिंदु:
1. पाण्डुलिपि वर्ड फाइल में भेजें
2. फॉण्ट यूनिकोड/मंगल होना चाहिए
3. पाण्डुलिपि के साथ फोटो और संक्षिप्त परिचय भी अवश्य भेजें
4. भेजने से पूर्व अशुद्धि अवश्य जाँच लें
5. ईमेल में इसकी उद्घोषणा करें कि उनकी रचना मौलिक है और किसी भी तरह के कॉपीराइट विवाद के लिए वे जिम्मेवार होंगे।
रॉयल्टी: रॉयल्टी 70% प्रदान की जाएगी (नोट: पुस्तक की पहली 10 प्रति की बिक्री का लाभ प्रकाशक का होगा। 11वीं प्रति की बिक्री से लेखक और संपादक को रॉयल्टी मिलनी शुरू होगी। बाकि रॉयल्टी का प्रतिशत वही रहेगा अर्थात 70% लेखक का और 30% प्रकाशक का।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: ललित नारायण मिश्र (वर्जिन साहित्यपीठ) 9868429241
प्रकाशक
वर्जिन साहित्यपीठ
78ए, अजय पार्क, गली नंबर 7, नया बाजार,
नजफगढ़, नयी दिल्ली 110043
सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रथम संस्करण - मई 2018
ISBN
कॉपीराइट © 2018
वर्जिन साहित्यपीठ
कॉपीराइट
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आप मैं और शैडो
(लघुकथा संग्रह)
लेखिका
रश्मि पाठक
रश्मि पाठक
rashmi.83p@gmail.com
सम्प्रति: जिला राँची,