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खंडित (लघु उपन्यास)
खंडित (लघु उपन्यास)
खंडित (लघु उपन्यास)
Ebook53 pages23 minutes

खंडित (लघु उपन्यास)

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About this ebook

दो शब्द
वो कठिन दिन
कितनी खुश थी वो
अलगाव की ओर
घर से पलायन
वो कठिन समय
काम की तलाश
कुछ कुछ राहत
फिर अनजान रास्ता
अनाथालय और बाद में

दिल टूटने के बाद लोग अपने अपने तरीके से दर्द का सामना करते हैं; कुछ निराश होकर दीवाने से सब कुछ छोड़छाड़ कर बस सोचते ही रहते हैं; कुछ लोग नशे का सहारा ले लेते हैं; कुछ लेखक बनने की कोशिश करते हैं, तो कुछ दुखद गीत संगीत सुनकर अपने मन को हल्का करने लगते हैं, पर सभी की आँखों में दिल टूटने से पहले के नजारों को याद करके आंसू आ ही जाते हैं!

लेकिन हमारी इस कहानी की नायिका ने एक अलग ही रास्ता चुना जो शायद बहुत कम लड़कियों ने आज तक चुना होगा; वो एक अनजान सफर पर निकल जाती है और जीवन को आगे बढ़ाने की कोशिश करती है, लेकिन वो ये नहीं जानती है के वो उसके पीछे कम से कम दो मौतों का तो कारण बन ही चुकी है...

तो दोस्तों, आप इस कहानी का मजा लीजिये, लेकिन मैं ये बात खासकर जवान लड़के और लड़कियों से कहना चाहूंगा के आपका जीवन सिर्फ आपका नहीं है! जरा सोचियेगा!

शुभकामना

शलभ सिंह

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateSep 24, 2022
ISBN9781005573386
खंडित (लघु उपन्यास)

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    खंडित (लघु उपन्यास) - शलभ सिंह

    दो शब्द

    दिल टूटने के बाद लोग अपने अपने तरीके से दर्द का सामना करते हैं; कुछ निराश होकर दीवाने से सब कुछ छोड़छाड़ कर बस सोचते ही रहते हैं; कुछ लोग नशे का सहारा ले लेते हैं; कुछ लेखक बनने की कोशिश करते हैं, तो कुछ दुखद गीत संगीत सुनकर अपने मन को हल्का करने लगते हैं, पर सभी की आँखों में दिल टूटने से पहले के नजारों को याद करके आंसू आ ही जाते हैं!

    लेकिन हमारी इस कहानी की नायिका ने एक अलग ही रास्ता चुना जो शायद बहुत कम लड़कियों ने आज तक चुना होगा; वो एक अनजान सफर पर निकल जाती है और जीवन को आगे बढ़ाने की कोशिश करती है, लेकिन वो ये नहीं जानती है के वो उसके पीछे कम से कम दो मौतों का तो कारण बन ही चुकी है...

    तो दोस्तों, आप इस कहानी का मजा लीजिये, लेकिन मैं ये बात खासकर जवान लड़के और लड़कियों से कहना चाहूंगा के आपका जीवन सिर्फ आपका नहीं है! जरा सोचियेगा!

    शुभकामना

    शलभ सिंह

    Chapter 2

    वो कठिन दिन

    "यहां अब कुछ भी ऐसा नहीं है जो मुझे इस जगह पर रोक सके; मैं नहीं जानती के अब मेरे भविष्य में क्या है; मैं बिलकुल अकेली पड़ गयी हूँ; मुझे नहीं पता के मुझे क्या करना है क्योंकि दिमाग में इतने प्रश्न और विचार हैं के सब आपस में उलझ गए हैं और मैं गहरे असमंजस में हूँ।

    मुझे लगता है कि मुझे यहां से भाग जाना चाहिए। या शायद मुझे आत्महत्या की कोशिश करनी चाहिए। हाँ, यह एक अच्छा विचार है। मुझे आत्महत्या की कोशिश करनी चाहिए।

    खुद को समाप्त करने के लिए शायद यही बिलकुल उचित समय है। शायद इस विशाल दुनिया में अब मेरे लिए कुछ भी नहीं बचा है।

    हो सकता है कि मैं अब जीने के लायक नहीं हूँ; किसी भी चीज के लिए शायद मैं खुद को योग्य या सक्षम नहीं बना पायी हूँ; और फिर जब कोई रास्ता ही न हो तो

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