प्यार भूला नहीं (यादें)
By सुनयना कुमार
()
About this ebook
प्यार भूला नहीं (यादें)
कॉपीराइट
विषय सूची
दो शब्द
मुलाकात और दोस्ती
दोस्ती टूट गई
वो लड़की और आगे
कुछ दिनों बाद
दो वर्षो के बाद
फिर दिल्ली में
स्कूल से शुरू हुई दोस्ती की कहानी स्कूल में बिछड़ने के समय तक प्यार में नहीं बदली थी, लेकिन दूरियों ने बहुत फरक ला दिया था दोनों के ही जीवन में!
दोस्ती, प्यार, सम्बन्ध विच्छेद, और फिर आकस्मिक मुलाक़ात की ये कहानी लगता है के सुखद अंत तक पहुँच ही जाएगी लेकिन अंतिम पंक्ति तक जो आशा पाठक रखता है वो अचानक ही बिखर जाती है और कुछ और ही हो जाता है...तो पढ़िए ये सुन्दर प्रेम कहानी!
शुभकामना
सुनयना कुमार
Read more from सुनयना कुमार
मन की बातें (लघु उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsवो एक रात Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअनिश्चितता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsखिड़की से (रहस्य) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबदले की खुशबू (रहस्यमयी हत्या) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकठिन डगर प्रेम की Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsउस लड़की का कुबूलनामा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअलविदा (प्रेम और परिवार) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसिसकते चश्मे (लघु उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबराबर प्यार करना Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsयूँ हुई शादी (प्रेम और सम्बन्ध) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related to प्यार भूला नहीं (यादें)
Related ebooks
प्रेम के अधलिखे अध्याय (एक उत्कृष्ट उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsअधूरा इश्क़ अधूरी कहानी: Love, #1 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाश! नाम दिया जा सकता Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsखंडित (लघु उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकुछ नए पन्ने: उनकी यादों के Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआखिर घर आ गयी Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकुछ भी हो सकता है Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsवासना से प्यार तक Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsThat Hardly Happens To Someone Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsप्रोफेसर साहब: प्रेम, प्रतीक्षा और परीक्षा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसमय के साथ भटकना Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsआत्म तृप्ति Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsउस लड़की का कुबूलनामा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसपनो के पंख (आज की कहानियाँ) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 3) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसुनो! अजनबी! Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsपंखुड़ी गुलाब की (सुन्दर उपन्यास) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsतीन दोस्त: हिमांशु पाठक की कहानियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमंसा: एक मन की Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक अजनबी के साथ सात दिन (प्रेम कहानियाँ) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsBaraf Ke Angare Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsChuraya Dil Mera : चुराया दिल मेरा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsमंसा: एक मन की: झिलमिलाती गलियाँ, #6 Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsहिमकण (प्यार और रोमांस) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकोशिश जारी रखो (प्रेम और रोमांस) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबिल्कुल गाय जैसे: चरखा पांडे की कहानियाँ Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsयूँ हुई शादी (प्रेम और सम्बन्ध) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसार में सिहरन: सिहरन से भरे ख़ुशियों के दो पल Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 7) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for प्यार भूला नहीं (यादें)
0 ratings0 reviews
Book preview
प्यार भूला नहीं (यादें) - सुनयना कुमार
दो शब्द
स्कूल से शुरू हुई दोस्ती की कहानी स्कूल में बिछड़ने के समय तक प्यार में नहीं बदली थी, लेकिन दूरियों ने बहुत फरक ला दिया था दोनों के ही जीवन में!
दोस्ती, प्यार, सम्बन्ध विच्छेद, और फिर आकस्मिक मुलाक़ात की ये कहानी लगता है के सुखद अंत तक पहुँच ही जाएगी लेकिन अंतिम पंक्ति तक जो आशा पाठक रखता है वो अचानक ही बिखर जाती है और कुछ और ही हो जाता है...तो पढ़िए ये सुन्दर प्रेम कहानी!
शुभकामना
सुनयना कुमार
Chapter 2
मुलाकात और दोस्ती
हमारी कहानी का प्रारम्भ भी किसी सामान्य सी सीधी सादी परम्परागत कहानी की तरह ही होता है, और शायद आपको ऐसा लगे के और नहीं यार, फिर से वही प्रेम कहानी? जी नहीं रुकिए, रुकिए! प्रारंभ से कुछ नहीं होता है, आगे देखिये के क्या क्या होता है!
कुछ वर्ष पहले की बात है; एक छोटे से शहर में एक स्कूल था जहां लड़के और लडकियां साथ साथ पढ़ते थे; स्कूल में एक लड़का और एक लड़की थे। लड़के का नाम साहिल और लड़की का नाम मनीषा था।
साहिल बेहद मेहनती, अपने लक्ष्यों के प्रति ईमानदार लेकिन बहुत शर्मीला और शांत स्वभाव का व्यक्ति था और वो ज्यादा किसी से बात नहीं करा करता था; वो ज्यादातर खुद में ही खोया रहता था, लेकिन इसका मतलब ये नहीं के वो निराश या उदास था, जबकि वो लड़की मनीषा बहुत ही प्यारी, और बहुत ही प्यारे स्वाभाव की थी और सबसे खुलकर बातें किया करती थी।
यूं भी कह सकते हैं के साहिल अंतर्मुखी था और मनीषा बाह्यमुखी थी। वो ज्यादा देर तक चुप या