प्यार भरी चिट्ठियाँ
By शलभ सिंह
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फिलीपींस के एक छोटे से शहर में शुरू हुआ प्यार अचानक ही इस तरह खत्म हो गया जैसे प्यार था ही नहीं, और फिर समय अपनी चाल चलता रहा, और फिर वर्षो के बाद एक ऐसे रहस्य का उद्घाटन हुआ के वो बिछुड़ा प्यार फिर से एक नयी राह पाकर आगे बढ़ने लगा!
मजबूर माँ के स्वार्थ की भेंट बेटी को चढाने वाली परिस्थितियों की ये एक बहुत ही सुन्दर कहानी है जो बिना किसी व्यर्थ सजावट और अनावश्यक शब्दों के प्रयोग के सब कुछ पूरी ईमानदारी और सच्चाई से पाठकों तक पहुंचाती है!
मित्रों, ये एक बिलकुल सच्ची कहानी है और हमारे नायक और नायिका आज भी मनीला में रहते हैं!
शुभकामना
शलभ सिंह
प्यार भरी चिट्ठियाँ
कॉपीराइट
तालिका
दो शब्द
प्यार भरी चिट्ठियाँ
भाग एक
भाग दो
भाग तीन
भाग चार
भाग पाँच
भाग छे
भाग सात
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प्यार भरी चिट्ठियाँ - शलभ सिंह
दो शब्द
फिलीपींस के एक छोटे से शहर में शुरू हुआ प्यार अचानक ही इस तरह खत्म हो गया जैसे प्यार था ही नहीं, और फिर समय अपनी चाल चलता रहा, और फिर वर्षो के बाद एक ऐसे रहस्य का उद्घाटन हुआ के वो बिछुड़ा प्यार फिर से एक नयी राह पाकर आगे बढ़ने लगा!
मजबूर माँ के स्वार्थ की भेंट बेटी को चढाने वाली परिस्थितियों की ये एक बहुत ही सुन्दर कहानी है जो बिना किसी व्यर्थ सजावट और अनावश्यक शब्दों के प्रयोग के सब कुछ पूरी ईमानदारी और सच्चाई से पाठकों तक पहुंचाती है!
मित्रों, ये एक बिलकुल सच्ची कहानी है और हमारे नायक और नायिका आज भी मनीला में रहते हैं!
शुभकामना
शलभ सिंह
Chapter 2
भाग एक
एलेनोर घबरा गयी थी। जैसे ही वह अपना सामान वेटिंग शेड की ओर ले जा रही थी, उसके घुटने कांपने लगे।
आज शाम, उसे अपने प्रेमी जोस के साथ घर से भागने के लिए शेड में मिलना था। उन्होंने इस काम के लिए काफी समय से योजना बना कर रखी थी।
उन्हें फिलीपींस के विसायस द्वीप में जोस के गृह प्रांत इलोइलो में