Aparimeet
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About this ebook
यह कहानी शैतान युवक आर्नव की है. जिसने अपने ही बहन पर रेप किया और अपनी लवर को जान से मारने के चक्कर में उसे कोमा में भेज दिया. इसके घृणित कार्य की वजह से दुनिया ने इसे शैतान आर्नव नाम दिया है. इसके काम भी शैतानो जैसे ही है. पर जैसे की हम सब जानते है, हर एक इन्सान का एक past होता है. जो इसका भी है. इसके past में ऐसा क्या हो गया की इसे ऐसा घृणित कार्य करना पड़ा. क्योकि इसके करीबियों का कहना है की ये अपनी बहन और लवर को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था. तो फिर इसके साथ ऐसा क्या हुवा की इसे अपनी बहन पर रेप और लवर को कोमा भेजना पड़ा? यही सवाल से परदा उठाने का कार्य यह कहानी करती है.
इस कहानी में एक छोटीसी love स्टोरी भी छुपी है, जिसमे प्रेमी जोड़ा अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ 24 दिन ही साथ रह पाते है. इन 24 दिनों में उनके बिच किसी तरह का कोई भी फिजिकल रिलेशन नहीं बना, पर दिल का जो कनेक्शन बना वो शायद ही किसी ओर के बिच बना हो. प्यार जन्मो जन्मो तक साथ रहना या फिर अपने प्यार को पाना नहीं होता, येही बात ये स्टोरी आपको सिखा जाती है. जिसमे love, romance मिलेगा, suspence और ड्रामा भी मिलेगा, दोस्ती भी मिलेगी और प्यार में एक बहोत बड़ा त्याग भी मिलेगा जिसे कोई सोच भी नहीं सकता.
Nilesh C. Chandurkar
मे भारत देश का एक छोटासा लेखक हु. वैसे मे लेखक नाही हु, वो मेरी हॉबी हे. मन मे एक प्रसिद्ध लेखक बननेकी चाहत हे. ईसी चाहत के खातीर मे कहानिया लिख कर साईट पर डाल राहा हु.
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Aparimeet - Nilesh C. Chandurkar
दिवाली का त्यौहार है। हर एक परिवार बड़ी ख़ुशी से अपने रिश्तेदारों के साथ दिवाली मना रहे है। चारो तरफ झगमगाहट है, सभी के घरों में अच्छे अच्छे पकवान बने है। पर इसी माहोल में एक घर ऐसा भी है जो एकदम शांत और गन्दा पड़ा हुवा है। जहा किसी तरह की कोई झगमगाहट नहीं, नाही अच्छे पकवानों की खुश्बू। घर में चारों तरफ गन्दगी फैली हुई है। उसी गन्दगी के बिच एक सोलह साल का लड़का दिवाली की आतिशबाजी को अपने छोटेसे कमरेके खिड़की में से देख कर खुश हो रहा था। इस लड़के का नाम आर्नव
है, जो की अनाथ है। माँ पिताजी के देहांत के बाद वो अपने काकी के साथ उसी के घर पर रहता है। वैसे आर्नवकी काकी अकेली यानी सिंगल है। उनका उनके पति के साथ कुछ जमा नहीं, इसलिए वो अपने पति से अलग हो गई। वैसे काकी को महँगी चीजो का शौक है, जिसे पूरा करने के लिए वो अमीर लडको-आदमियों से मिलकर उन्हें खुश करके पैसा कमाने लगी। उम्र बढ़ने के बाद उसने घर पर ही वेश्यालय का धंदा चलाना शुरू कर दिया। उसके घर अजीब अजीब किस्म के लोग आते रहते है। काकी ज्यादा तर शराब पीकर पड़ी रहती है। उसे कोई बाल बच्चे नहीं है, इसलिए वो आर्नव को पाल रही थी। ताकी आर्नव घर के सारे काम करे और उसे आराम मिल सके। वो बेहद आलसी, अड़ीअल और झगडालू किस्म की औरत है। अपने काम, घरके काम वो आर्नव से ही कराती है। आर्नव भी बिना किसी परेशानी के उनके काम कर दिया करता था और आज भी करता है। आज दिवाली का त्यौहार है, तो हर कोई अपनी ख़ुशी में मग्न होकर पटाखे जला रहे है। आर्नव को भी पटाखे जलाने है, पर उसके पास पटाखे नही है। काकी से पटाखे मांगने की हिम्मत आर्नव में नहीं, क्योकि अगर वो पटाखों की मांग करेगा, तो उसे मार पड़ेगी और हो सकता है की एक दिन के लिए खाना भी ना मिले। फिर भी बड़ी हिम्मत करके वो अपनी काकी के पास पटाखे मांगने जा ही रहा था की तभी निचेसे उसे उसके दोस्त ने आवाज दी। आर्नव वापस खिड़की के पास गया तो निचे कमल अपने हाथो में पटाखों से भरी थैली पकड़े खड़ा था।
आर्नवने धीमी आवाज में कमल से पूछा, क्या है..?
कमलने निचे बुलाते हुए जवाब दिया, जल्दी से निचे आओ। (पटाखों की थैली दिखाते हुए।) चलो पटाखे जलाते है।
आर्नव, ठीक है।
कहते हुए निचे जाने लगा, पर तभी सामने उसने काकी का कमरा देखा। निचे जानेके लिए उसे अपनी काकी की आज्ञा लेनी पड़ेगी, वर्ना उसकी खैर नहीं। इसलिए वो अपनी काकी के कमरे की ओर गया। जैसेही वो काकी के कमरे में गया। उसे शराब के बोतल, नमकीन के खाली पॅकेट्स और बिस्तर बिखरा हुवा दिखाई दिया। काकी नशे में चूर होकर बिस्तर पर पड़ी हुई नींद के मजे ले रही है। उसे होश नहीं है।
आर्नव जैसे तैसे हिम्मत जुटाकर अपनी काकी को नींद से जगाने लगता है, काकी.. काकी..।
पर वो नशे की आघोष में चूर होकर बेहोश पड़ी हुई है। इतनी बेहोश की वो नींद में ही आर्नवसे बात करने लगी, अ...?
आप ने मुजे जो काम बताए थे वो सभी काम में कर चूका हु। क्या मै अब बाहर पटाखे जलाने जा सकता हु?
, आर्नवने बडेही आशावादी होकर अपनी काकीसे पूछा।
काकी नींद में ही बडबडाती हुई आर्नव से कहने लगी, म्याऊ..आऊ..नाऊ..(ओर एकदम से चिल्लाकर) हा..ऊ..ना..ऊ..
आर्नव को कुछ समज नही आया, वो संकोच भरे मनसे बोला, हा..तो..मै अब जाऊ काकी?
तभी काकी अचानक बेड से निचे गिर पड़ी और निंदमेही अपना सिर खुजाने लगी। आर्नव धीरेसे अपनी काकी के पास गया और पूछा, काकी आप ठीक तो है ना?
काकी को कुछ भी नहीं हुवा। वो गहेरी नींद में शारुख खान के सपने में खो गई है। फिर भी आर्नव ने ओर एक बार पूछा की मै बाहर जा सकता हु क्या? तो वो बस नींद में बडबडाती रही। अपना ज्यादा समय वहा बर्बाद न करते हुए वो वहासे निचे अपने दोस्तों की तरफ निकल पड़ा।
आर्नव अपने दोस्तों के संग मौज मस्ती करते हुए पटाखे जलाने लगा के तभी उस रास्ते से एक टैक्सी गुजरने लगी। उस टैक्सी में एक लड़की अपनी माँ के साथ बैठी हुई है। आर्नव ने जैसेही उस लड़की को देखा तो उसे लगा की वो जन्नतकी परी के दर्शन कर रहा है। उसकी हार्ट बीट्स बढ़ने लगी। आजू बाजु पंछी गुनगुनाने लगे। पता नहीं कहा से रंगबिरंगी धुंद उसके आसपास छाने लगी और धुंद अपने साथ दस बारा दिल की शेप वाले गुब्बारे लेकर आई। वो उसी जगह उस लड़की को देखते हुए फ्रिज हो गया। तभी एक लड़के ने पटाखा जलाया और टैक्सी के सामने फेंक दिया। पटाखा टैक्सी के निचे फटा और अचानक ड्राईवर ने टैक्सी रोकी और वो टैक्सीसे बाहर आया। टैक्सी को रुकते देख सभी लड़के वहासे भाग गए, पर आर्नव वहासे नहीं भागा और भागेगा भी कैसे? वो तो अपने रंगीन धुंद की दिल की शेप वाले गुब्बारों के सपने में गुम जो हुवा है। वही उस जन्नत की परी को निहारता रहा। ड्राईवर आर्नव के सामने जाके खड़ा हुवा, पर आर्नव को कोई फरक नहीं पड़ा।
ड्राईवर आर्नव को डांटने लगा, ये कैसे खेलना हुवा तुम बच्चो का? अगर मेरे गाड़ी को कुछ हो जाता तो नुकसान की भरपाई कोण करता? तुम्हारा बाप। कोण है तुम्हारे माता पिता? बुलाओ उन्हें, जरा उन्हें भी पता चले की उनका लाल बाहर कैसी मटरगश्ती कर रहा है।
इतना सुनाने के बावजूद भी आर्नव के एक्सप्रेशन नहीं बदले। अपने सफ़ेद दात दिखाते हुए वो मुस्कुराता रहा क्योकि रंगीन धुंद में जन्नत की परी भी तो मुस्कुरही है। ड्राईवर को समाज आया की इसका ध्यान कही ओर है. ड्राईवरने उसकी नजरो का पीछा करते हुए उसी तरफ देखा जहा आर्नव कुछ देर से देख रहा था। तो उसे एक २२ से २५ साल की लड़की दिखाई दी।
उसको देखकर ड्राईवर सोचने लगा, कैसा बेशरम लड़का है? जो अपनी बड़ी बहन की उम्र की लड़की को देखके खुश हो रहा है। कैसा जमाना आ गया भगवान? घोर कलयुग है ये।
ड्राईवर ने आर्नव को पकड़ा और दनादन हिलाते हुए कहने लगा, जागो मोहन प्यारे। सुबह हो गई है... जागो।
और अचानक आर्नव अपने सपने से बाहर आ गया। उस लड़की के चेहरे की जगह टैक्सी ड्राईवर का चेहरा दिखाई देने लगा। रंगबिरंगी धुंद गायब होने लगी, गुब्बारे फूस होने लगे। पंछियों की सुरीली आवाज बदलकर जागो मोहन प्यारे वाली मर्दों की आवाज में सुनाई देने लगी और वो अपने रंगीन सपने से जाग गया। अपने सामने एक मर्द को देखके अचानक चिल्लाया।
तभी ड्राईवर ने आर्नव से कहा, आप वापस धरती पे आ गए जी। अगर आप वापस आ गए होंगे तो मै आपकी डांट का कोटा पूरा करू।
तभी टैक्सी से उस लड़की की माँ ने ड्राईवर को बुलाते हुवे कहा, अब जाने भी दीजिए भैया। बच्चे है शैतानी करेंगेही।
आंटी की आवाज में खराश थी और चेहरा दुख से भरा हुवा। उन्होंने ड्राईवर को वापस बुलाया और गाड़ी को आगे ले जाने को कहा। गाड़ी में से वो लड़की आर्नव के तरफ देखने लगी। और टैक्सी बड़ी तेजी से वहासे निकल गई। गाड़ी को जाते देख सभी दोस्त आर्नव के पास आए और उससे पूछा की वो क्यों नहीं भागा? तब उसने कुछ भी जवाब नहीं दिया।
तभी वहापे कमल की माँ आई और उसने अपने लड़के को डाँटते हुए कहा, तुझे कितनी बार बताना पड़ेगा की इस लड़के के साथ मत खेला कर। आज तू घर आ, तेरी शिकायत तेरे पिताजी से करुँगी।
कमल अपनी माँ की डांट खाकर वहासे भाग गया। तभी एक लड़के ने कहा, काय काकू? आर्नव के साथ खेला तो क्या हुवा?
कमल की माँ, क्या हुवा? रुक अभी तेरे माँ को बताती हु। (मराठी भाषा में) ए शकुंतले, कांते, ढेबरे; तुझी पोर पाय कोना सोबत खेळत हाय। तुझ्या पोराइले अकलेची गोष्ठ सांग। या खाली पटकन..।
अपने परिवार के डर से सभी लड़के वहासे भाग गए और आर्नव अकेला रह गया। तभी कमल की माँ ने आर्नव से कहा, तू मेरे लड़के से कोसो दूर रहा कर। वर्ना तुझे और तेरी काकी को जेल की हवा खिलाऊंगी। हमें पता है तेरी चाची घरमे कौनसा काम करती है? अगर तू दोबारा मेरे बच्चे के साथ दिखाई दिया, तो तेरी खैर नहीं।
आर्नव पर सारा गुस्सा उतारकर अपने घर चली गई। आर्नव भी अपने घर चला गया। घरमे इधर उधर कचरा पड़ा हुवा है। वो सब साफ करते हुए वो अपने काकी के कमरे में गया, जहा वो जोर जोर के खर्राटे लेते हुए जमीं पर पड़ी हुई है। अपनी काकी का कमरा साफ़ करके वो टेरेस पर गया। आज आर्नव का दिल बड़ा दर्द कर रहा है।
वो आसमान की तरफ देखके भगवान से कहने लगा, क्यों भगवान? आपने मुझे इस दुनिया में क्यों लाया? सब लोग आसपास होने के बावजूद में इस दुनिया में अकेला हु। या तो तू मुझे अपने पास बुलाले, या फिर मेरे लिए कोई निचे भेज दे भगवान। अब और सहा नहीं जाता।
तभी अचानक सामने से एक तेज रोशनी आई और एक परछाई वहा दिखाई देने लगी। आर्नव ने गौर से देखा, तो उसने फिरसे ऊसी लड़की को देखा जो टैक्सी में थी। वो सामने वाले घरके शर्माजी के यहाँ ठहरे हुए है। शर्माजी कॉलोनी के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे इन्सान है। वैसे तो वो कॉलेज प्रोफेसर है। उनका घर बहोत बड़ा है। उतने बड़े घर में वो और उनकी बीवी ही रहते है। अभी तक उन्हें कोई बाल बच्चा नहीं है। इसी वजहसे कॉलोनी में शर्माजी एक लौते ऐसे इन्सान है, जो आर्नव को बेहद प्यार करते है। वैसे उनकी बीवी भी प्यार करती है, पर शर्माजी से थोडासा कम। खैर हम फिरसे एक बार सामने वाली लड़की पर फोकस करते है। सामने दिखाई दे रही लड़की के चेहरे से उदासी झलक रही थी। वो बेहद निराश लग रही है, और उसकी माँ शर्माजी को रोते हुए कुछ बता रही है। फिर शर्माजिकी बीवी ने उस लड़की को टेरेस से घर के अंदर ले गई और दरवाजा बंद कर दिया। उसे देखने के बाद आर्नव की सारी उदासी उड़नछू हो गई। आज पहले बार उसने उसे देखा था, पर ना जाने क्यों उसके दिल को एक अजीबसा सुकून मिला। फिर आर्नव भी सोने चला गया।
अगली सुबह आर्नव ने चाय बनाया और अपनी काकी के कमरे में गया। काकी जमीं पे अभीभी पैर पसारकर सोई हुई है। उसने चाय टेबल पर रखकर काकी को जगाया। काकी जागतेही आर्नव पर बरस पड़ी, अरे इतने जल्दी क्यों जगाया हरामी? मुझे चैन से सोने भी नहीं देता। ला मेरी चाय दे।
आर्नव ने काकी को चाय दी और वो कार धोने बाहर आया। तभी अंदर से काकी की आवाज आई, अरे कहा मर गया हे तू, मुजे एक गोली ला दे, मेरा सर दर्द के मारे फटा जा रहा है।
काकी की आवाज सुनतेही वो अंदर जाने ही वाला था की उसको फिरसे टैक्सी वाली लड़की दिखाई दी। वो रास्ते पर कुछ ढूंड रही है। तभी फिर से एकबार काकी की आवाज सुनाई दी। पर उसने काकी की आवाज को अनसुना करते हुए उस लड़की के ओर चल पड़ा। लड़की बहोत परेशां दिखाई दे रही है और उसके आँखों में आंसू दिखाई दे रहे है। वो बड़े ही शिद्दत से कुछ ढूंड रही है।
आर्नव धीरेसे उस लड़की के पास गया और उससे पूछा, क्या हुवा तूम क्या ढूंड रही हो?
लड़की ने कुछ भी जवाब नही दिया। वो बस कुछ ढूंड रही है। उसने फिर से पूछा, कुछ खो गया है क्या?
इसबार आर्नव ने बड़ी आवाज में पूछा। लड़की ने आर्नव की तरफ नम आँखों से देखी और बताई, मेरी अंगूठी खो गई हें। जो मुझे मेरे पापा ने दी थी।
अंगूठी दिखने में कैसी थी?
, आर्नव ने पूछा, तो उसने जवाब दिया, सोने की है, उसपे लाल रंग का मोती जड़ा हुवा है।
अब इनफार्मेशन मिलतेही वो भी अंगूठी खोजनेमे लग गया, पर वो ये भूल गया की उसकी काकी उसे आवाज दे रही है। काकी बहोत घुस्सा हो रही है। गुस्से के मारे उसकी आँखे लाल होते जा रही है और आर्नव अंगूठी ढूंडनेमे खो गया। बहोत देर तक खोज बिन करनेके बाद कही जाके आर्नव को वो अंगूठी एक लाल गुलाब के पौधे पर मिली और उसने वो अंगूठी उस लड़की को दे दी। लड़की को अंगूठी मिलतेही वो ख़ुशी के मारे नाचने लगी। उसने आर्नव का हाथ पकड़कर थैंक यू कहा।
तभी उस लड़की की माँ ने उसे आवाज दी, पुरोबी, बेटा जरा इधर तो आना।
उसने माँ को जवाब देते हुए कहा, अभी आती हु माँ
फिर से एकबार उसने आर्नव को थैंक यू कहा और फिर वो वहासे चली गई। अब आर्नव को उस लड़की का नाम पता चल गया, पुरोबी। उसकी माँ ने उसे इसी नाम से पुकारा था। वो उसीके घर की तरफ देखने लगा की तभी उसकी काकी घर से बाहर चिल्लाते हुए निकली, कहा मर गया है तू कमीने? बेहरा हो गया हे क्या? सुनाई नहीं दे रहा क्या तुझे? में कबसे बुला रही हु।
आर्नव डरतेहुए, हा..हा काकी बस आ ही रहा था।
काकी घुस्सेमे अपनी आंखे बड़ी करके, कब? मेरे मरनेके बाद।
काकी ने घुस्सेमे आर्नव के काण पकडे और उसे घर ले गई और काम पे लगा दिया। शाम हो रही थी फिर भी वो लगातार काम कर रहा है उसने खाना भी नहीं खाया। आर्नव को बहोत भूख लगी है। पर घरमे खाना नही है। तभी किसीने दरवाजा खटखटाया। आर्नव ने दरवाजा खोला तो वो काकी का एक कस्टमर निकला।
उसने आर्नव को देखके कहा, ओए हीरो मेरी हिरोइन किधर है?
आर्नव ने जवाब दिया, काकी अपने कमरे में है।
फिर वो आदमी काकी के कमरे में गया और आर्नव टेरेस पर। आसमान में सितारे दिखाई देने चालू हो गए, तो वो सितारों को निहारने लगा। तभी उसे सामनेके घर से कुछ अजीबसी आवाजे आई। उसने सामने देखा तो सामने पुरोबी दिखाई दी। जिसकी उसने सबेरे अंगूठी खोजनेमे मदद की थी, उसने आर्नव को इशारोसे बाहर बुलाया। पहलेतो आर्नव को लगा की वो किसी दुसरे को तो इशारा नहीं कर रही है ना? इसी वजहसे उसने अपने पीछे मुडके देखा, पर पीछे कोई नहीं था। फिर उसे जल्दीही समझ आया की पुरोबी उसेही निचे बुला रही है। आर्नव बड़ी ख़ुशी ख़ुशी बाहर गया।
आर्नव को देख पुरोबी दुखी होकर कहने लगी, I am So Sorry, मेरी वजहसे आज तुम्हे पनिशमेंट मिली।
अरे नहीं नहीं, ये क्या कह रही हो? तुम्हारे वजहसे नहीं और तुम्हे किसने बताया की मुजे पनिशमेंट मिली हे करके? मुझे कोई पनिशमेंट नहीं मिली।
, आर्नव ने शरमाते हुए कहा।
मुजे पता है मेरे चाचाजी ने मुझे तुम्हारे बारे में सब बता दिया इसलिए तुम्हे मुझसे कुछभी छुपानेकी कोई जरूरत नहीं।
, पुरोबी ने कहा।
उसके कहनेपर आर्नव ने कहा अच्छा तो तुम्हेभी पता चल गया।
तभी वो बोली, और मुझे ये भी पता हे की तूमने सुबह से कुछ भी नहीं खाया, तो में तुम्हारे लिए बर्गर लाई हू।
जैसेही पुरोबी ने कहा की उसने बर्गर लाई है सिर्फ उसके लिए, ये सारे शब्द सुनतेही मानो आर्नव आसमान में उड़ने लगा। दुसरेही दिन पुरोबी ने उसके लिए बर्गर लाई, एक अच्छी बीवी की तरह, सॉरी पती नहीं बल्कि होनेवाले पती के लिए खाना लाई है। अब तो वो अपनी सपनो की दुनिया में फिरसे खोने लगा। रंगबिरंगी धुंद, लाल गुब्बारे, गाते हुए पंछी फिरसे एक बार आ गए। उसके चेहरेके एक्सप्रेशन अजीबोगरीब होने लगे। पुरोबी ये सब देख रही थी। उसे बड़ा अजीब लगा।
उसने आर्नव से कहा, क्या हुवा तुम ऐसे एक्सप्रेशन क्यों दे रहे हो? भूख के मारे तुम्हारी हालत तो ख़राब नहीं हो रही है ना?
पुरोबी के पूछने के बावजूद आर्नव अपने ही सपनोकी दुनिया में खोया रहा।
फिर पुरोबी ने आर्नव के हाथ में बर्गर दिया और कहा, तुम इसे खा लेना, अब मै चलती हु।
कहकर वो वहासे चली गई।
कुछ देर बाद वो अपने सपने से जागा। बर्गर उसके हाथों में था। उसने उस बर्गर को खाया नहीं, बल्की उसे घंटो निहारता रहा। फिर उसे अहसास हुवा की पुरोबी उसके पास आ रही है।
पुरोबी ने कहा, अरे अभी तक तुमने इसे खाया नहीं।
कहकर उसने बर्गर को उठाया और आर्नव को खिलाया।
हालाकी आर्नव पुरोबी को इमेजिन करके खुद ही बर्गर खा रहा था। उस दिन से आर्नव और पुरोबी में दोस्ती हो गई और फिर दोनों एकदूसरेसे मिलते गए। दोनों का मिलना जुलना पुरोबी के माँ को पसंद नहीं था, पर जब उनके बड़े भाई शर्माजी ने उन्हें समजाया की वो बच्चा तो अनाथ और बेहद मासूम है। इस कॉलोनी में हर कोई आर्नव को भला बुरा कहते है। पर अब तक उसने किसीको भी उल्टा जवाब नहीं दिया है। अगर हम