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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39)
Ebook84 pages41 minutes

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की उन्तालीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateAug 21, 2018
ISBN9780463737118
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39)

    Copyright

    दो शब्द

    चिंता या चिंतन Chinta Ya Chintan

    यादों के सहारे Yaadon Ke Saharey

    ज्ञान की कीमत Gyan Ki Keemat

    सौंदर्य प्रेमी Saundarya Premi

    कौन कितना मनहूस? Kaun Kitna Manhoos?

    माँ महान क्यों होती है? Ma Mahan Kyon Hoti Hai

    तीस साल बर्बाद किये Tees Saal Barbad Kiye

    आज जी लो Aaj Jee Lo

    तुम नहीं पढ़ सकते Tum Nahi Padh Sakte

    सबसे सुखी Sabse Sukhi

    वो चार सीपियाँ Wo Chaar Seepiyan

    चर्चिल और नेहरू Churchill Aur Nehru

    आपका कुछ नहीं है: Apka Kuch Nahi Hai

    सफलता के सूत्र Safalta Ke Sutra

    मुझसे बेकार वस्तु Mujhse Bekaar Vastu

    महानता चूर चूर हुई Mahanta Chur Chur Hui

    विद्यासागर जी की महानता Vidyasagar Ji Ki Mahanta

    पहले ही देर हो चुकी थी Pahale Hi Der Ho Chuki Thee

    वो बुलाती रही Wo Bulati Rahi

    कार फस गयी Car Fas Gayee

    मुक्ति का मार्ग Mukti Ka Marg

    ये ख़ास मौके पर पहनूंगी Ye Khaas Mauke Par Pahnungi

    तकलीफ का अनुभव Taqleef Ka Anubhav

    ऐसे थे लिंकन Aise The Lincoln

    कबीर और श्राद्ध Kabir Aur Shradh

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की उन्तालीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    चिंता या चिंतन Chinta Ya Chintan

    सम्राट समुद्रगुप्त को भारत के एक महान सम्राट के रूप में याद किया जाता है. वो एक बहुत ही प्रतापी व्यक्ति थे और हमेशा अपनी प्रजा के बारे में सोचते थे.

    सम्राट होने के नाते उनकी भी बहुत सी चिंताएं थी. एक बार वो इन्ही चिंताओं के कारण बहुत ही परेशान रहने लगे.

    कई दिन बीत जाने के बाद भी जब उनकी चिंताओं का अंत नहीं हुआ, वो वन की तरफ प्रस्थान कर गए. अपने रथ में बैठे वो वन में से गुजर रहे थे.

    एक स्थान पर उनको बांसुरी का स्वर सुनायी दिया. सम्राट समुद्रगुप्त उस स्वर से मोहित हो गए. उन्होंने अपने सारथी से उस स्वर की तरफ चलने को कहा.

    थोड़ी ही दूरी पर उन्होंने देखा के झरने के पास वृक्षों के बीच एक व्यक्ति बैठा बांसुरी बजा रहा था और पास ही उसकी भेड़ें घास चर रही थी.

    सम्राट समुद्रगुप्त ने उस बांसुरीवादक से कहा, आप बांसुरी बजाते हुए इतने प्रसन्न लग रहे हैं. ऐसा लगता है आप भी किसी राज्य के राजा हैं और आपको कोई चिंता नहीं है.

    उस बांसुरी बजाने वाले व्यक्ति

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