कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 9)
By Raja Sharma
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About this ebook
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की आठवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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कथा सागर - Raja Sharma
राजा शर्मा
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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 9)
राजा शर्मा
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 9)
Copyright
दो शब्द
क्या सही क्या गलत Kya Sahi Kya Galat
एक कप मदिरा Ek Cup Madira
केंटुकी फ्राइड चिकन की सफलता Kentucky Fried Chicken's Success
रास्ते की बाधाएं Raste Ki Badhayein
निपुण शिक्षक Nipun Shikshak
विशेष बैंक खाता Vishesh Bank Khaata
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हार का परिणाम Haar Ka Parinaam
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दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की नौवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
क्या सही क्या गलत Kya Sahi Kya Galat
अलगू चौधरी और जुम्मन शेख बहुत घनिष्ट मित्र थे. उनकी मित्रता इतनी गहरी थी के यदि उनमें से एक गाँव से बाहर जाता था तो दूसरा मित्र दोनों परिवारों की देखरेख करता था. गाँव में दोनों मित्रों का बहुत आदर था.
जुम्मन शेख की एक बूढी काकी थी जिनकी कुछ संपत्ति भी थी. उस काकी ने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति जुम्मन शेख के नाम कर दी ताकि वो जुम्मन शेख के साथ रह सके और जुम्मन उनकी भी देखरेख करने लगे..दो बरसों तक तो सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा. पर दो बरस बाद स्थिति एकदम बदल गयी.
जुम्मन और उसके परिवार वाले उस बूढी काकी को बोझ समझने लगे और उनसे छुटकारा पाना चाहते थे. जुम्मन और उसकी पत्नी ने उस बूढी काकी को नज़रअंदाज़ करना शुरू कर दिया. जुम्मन की पत्नी ने तो उस बूढी काकी को खाना भी कम देना शुरू कर दिया.
बेचारी बूढी काकी कई महीनो तक अपमान के घूँट पीती रही और जो थोड़ा बहुत उनको खाने को मिलता था खाती रही. लेकिन अंत में उनके धैर्य ने जवाब दे दिया.
एक दिन काकी ने जुम्मन शेख से कहा, बेटा,मैं अब समझ गयी हूँ की अब इस घर में मेरी कोई जगह नहीं है. कृपया मुझे हर महीने कुछ पैसे दे दिया करो ताकि मैं अपनी रसोई अलग बना सकूं.
जुम्मन शेख ने निर्लज्जतापूर्वक कहा, मेरी पत्नी को मालुम है घर कैसे चलना है. कृपया धैर्य रखिये.
काकी को ये सुनकर बहुत ही गुस्सा आया. उन्होंने गाँव की पंचायत से शिकायत करने का निर्णय लिया.
कई दिनों तक बूढी काकी गांव के लोगों को अपनी समस्या के बारे में बताती रही ताकि उसको गाँव वासियों का समर्थन प्राप्त हो सके.
कुछ गांव वालों ने सहानुभूति भी व्यक्त की और उसका समर्थन किया, परन्तु बाकी के गाँव वाले उसका उपहास उड़ाने लगे और कहा के काकी को अपने भतीजे और उसकी पत्नी के साथ मिलजुल कर रहना चाहिए.
अंत में बूढी काकी अलगू चौधरी के पास गयी और उसको पूरी बात बताई. अलगू चौधरी ने कहा, "काकी, आप जानती हैं के जुम्मन शेख मेरा सबसे घनिस्ट मित्र है. मैं उसके