कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2)
By Raja Sharma
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About this ebook
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की दूसरी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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Book preview
कथा सागर - Raja Sharma
राजा शर्मा
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Copyright
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2)
राजा शर्मा Raja Sharma
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2)
Copyright
दो शब्द
प्रतिष्ठा का सौदा Pratishtha Ka Souda
क्यों माँगूँ भीख Kyon Mangu Bheekh
जो मांगोगे वही मिलेगा Jo Mangoge Wahi Milega
अपशब्द Apshabd
तीन याद रखने योग्य बातें Teen Yaad Rakhne Yogya Batein
साफ़ नियत Saaf Niyat
ख़ुशी का राज़ Khushi Ka Raaz
जो बीत गया सो बीत गया Jo Beet Gaya So Beet Gaya
जिस तन लागे सो ही जाने Jis Tan Laage So Hi Jaane
बहुत सरल समाधान Bahut Saral Samadhaan
सपनो का पीछा Sapno Ka Peecha
मेहनत का फल खाता हूँ Mehnat Ka Phal Khata Hoon
दोस्त की परीक्षा Dost Ki Pareeksha
सवा सेर गेहूँ Sawa Ser Gehun
सुकरात का विवेक Sukrat Ka Vivek
दूसरों से तुलना Doosron Se Tulna
मन में शक्तियां Mun Mein Shaktiyan
मेरे तीन गुरु Mere Teen Guru
शोक सन्देश Shok Sandesh
मैं आशा हूँ Main Asha Hoon
तात्कालिक सुन्दरता Tatkalik Sundarta
पैसा और प्रसन्नता Paisa Aur Prasannata
व्यवहार और प्रमाणपत्र Vyavhaar Aur Pramanpatra
गुरु का स्थान Guru Ka Sthaan
कभी बंद कभी खुली Kabhi Bund Kabhi Khuli
दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की दूसरी पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
प्रतिष्ठा का सौदा Pratishtha Ka Souda
एक गावं में प्रतिवर्ष कुश्ती स्पर्धा का आयोजन किया जाता था. इस वर्ष भी बहुत से पहलवान दूर दूर के क्षेत्रों से उस स्पर्धा में हिस्सा लेने के लिए आये. उनमें से एक पहलवान अजेय था और वो हर वर्ष ही जीता करता था.
आयोजक ने मंच पर आकर सभी का स्वागत किया और घोषणा की, भाइयो और बहनो, आप सभी का आज की स्पर्धाओं में स्वागत है. इस वर्ष विजेता पहलवान को पांच लाख रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा.
इतनी बड़ी राशि की घोषणा सुनकर सभी पहलवान जोश से भर गए. वो अजेय पहलवान सभी पहलवानों को एक एक करके पराजित करने लगा. कोई भी पहलवान उसके सामने टिक नहीं रहा था. सबको विशवास हो गया था के वो पहलवान ही पांच लाख का पुरस्कार प्राप्त करेगा.
वो पहलवान सभी को चुनौती दे रहा था, और कोई है जो मुझसे कुश्ती लड़ सके. आओ आगे आओ और मेरा मुकाबला करो.
तभी भीड़ में से दुबला पतला दिखने वाला एक युवा उठा और अखाड़े की तरफ चल दिया. वो जाकर उस पहलवान के सामने खड़ा हो गया. पहलवान ने हँसते हुए कहा, तुम तो ऐसे ही मरे हुए दिख रहे हो, तुम क्या कुश्ती लड़ोगे?
उस दुबले पतले व्यक्ति ने आगे बढ़कर उस अजय पहलवान के कान में कहा, मैं जानता हूँ के आप ही जीतेंगे. पर अगर आप ये कुश्ती हार जाएंगे तो मैं आपको दस लाख रुपए दूंगा. आपको हराकर मेरी गाँव में इज़्ज़त बढ़ जायेगी. एक कुश्ती हारने से आपको तो कोई फरक नहीं पड़ेगा.
कुछ ही देर में कुश्ती शुरू हो गयी और अजेय पहलवान लड़ने का नाटक करने लगा. उसके दिमाग में दस लाख घूम रहे थे. अंत होते होते वो अजेय पहलवान हार गया. लोगों ने उसका उपहास उड़ाना शुरू कर दिया. उसकी घोर निंदा होने लगी पर वो चुप चाप वहां से चला गया.
अगले दिन वो पैसे लेने के लिए दुबले पतले व्यक्ति के घर पहुँच गया और उस व्यक्ति से दस लाख रूपए मांगे.
दुबले पतले व्यक्ति ने कहा, "किस बात के पैसे पहलवानजी?
अजेय पहलवान ने गुस्से से कहा, "वही दस लाख जो तुमने