कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 38)
By Raja Sharma
()
About this ebook
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की अड़तीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
Related to कथा सागर
Titles in the series (100)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 3) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsInspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part Two) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsएक भीगी साँझ Rating: 5 out of 5 stars5/5पूरब और पश्चिम Rating: 5 out of 5 stars5/5प्रेरणा कथाएं: भाग एक Rating: 3 out of 5 stars3/5प्रेरणा कथाएं: भाग दो Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 7) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsओस की एक बूँद Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsInspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part One) Rating: 1 out of 5 stars1/5बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (5) Rating: 5 out of 5 stars5/5आज की दुनिया: काव्य संग्रह Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाव्य सरिता: प्रथम भाग Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsInspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part Three) Rating: 5 out of 5 stars5/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsRandom Musings for College Students: Part One Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsगरीब का नव वर्ष Rating: 1 out of 5 stars1/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 9) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsदेवी दोहावली Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsRandom Musings for College Students: Part Three Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsThe Journey Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकाव्य सरिता: द्वितीय भाग Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsऔर गंगा बहती रही Aur Ganga Bahti Rahi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsसाहित्य के फलक पर दमकते सितारे Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Related ebooks
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 33) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 5) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsAnmol Kahaniyan: Short stories to keep children entertained Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 41) राजा शर्मा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (5) Rating: 5 out of 5 stars5/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 1) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsPAURANIK KAHANIYAN Rating: 5 out of 5 stars5/5कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 7) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 10) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 18) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsलघुकथा मञ्जूषा Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsJungle Ki Kahaniyan: Interesting animal based stories for children, in Hindi Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 4) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsInspirational Stories in Hindi प्रेरणा कथाएं हिंदी में (Part One) Rating: 1 out of 5 stars1/5प्रेरणा कथाएं: भाग एक Rating: 3 out of 5 stars3/5Rochak Kahaniyan: Interesting short stories For children Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकहानियाँ सबके लिए (भाग 8) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 6) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsMANORANJAK KAHANIYON SE BHARPOOR KAHAVATE Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 3) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 42) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 39) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsछोटे छोटे डर (भूतिया कहानियाँ) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsChamatkar Aur Beti Ka Dhan (Hindi) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsबच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (2) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 44) Rating: 0 out of 5 stars0 ratingsकथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 22) Rating: 0 out of 5 stars0 ratings
Reviews for कथा सागर
0 ratings0 reviews
Book preview
कथा सागर - Raja Sharma
www.smashwords.com
Copyright
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 38)
राजा शर्मा
Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma
Smashwords Edition
All rights reserved
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 38)
Copyright
दो शब्द
क्या एक डॉलर काफी है? Kya Ek Dollar Kafi Hai?
दो थालियां Do Thaliyaan
सब त्याग दिया Sab Tyag Diya
कुम्हार के घर Kumhar Ke Ghar
पांच दीये Paanch Diye
पाप का गुरु Paap Ka Guru
अर्जुन का अहंकार Arjun Ka Ahankaar
संतुष्टी का एहसास Santushti Ka Ehsaas
एक शब्द से पश्चाताप Ek Shabd Se Pashchataap
लालच Laalach
चांदी का गिलास Chaandi Ka Glass
घनिष्ठ मित्र Ghanishth Mitra
फटा हुआ मोजा Fataa Hua Mojaa
दुर्योधन स्वर्ग में Duryodhan Swarg Mein
एक टुकड़ा और Ek Tukda Aur
शराब बुरी चीज़ है Sharaab Buri Cheez Hai
भलाई स्वभाव में Bhalai Swabhaav Mein
सादगी भरा जीवन Saadgi Bhara Jeevan
असहाय बूढ़ा पिता Asahaya Boodha Pita
दिखावा Dikhaawaa
खुदा का शुक्रिया Khudaa Ka Shukriya
तुम सब अधर्मी हो Tum Sab Adharmi Ho
अगर भगत सिंह अँगरेज़ होते? Agar Bhagat Singh Angrez Hotey?
एक किताब जो जीवन बदल गयी Ek Kitab Jo Jeevan Badal Gayi
चार तरह के लोग Char Tarah Ke Log
दो शब्द
विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.
इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की अड़तीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.
कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.
बहुत धन्यवाद
राजा शर्मा
क्या एक डॉलर काफी है? Kya Ek Dollar Kafi Hai?
वो पांच या छे बरस की छोटी सी लड़की मिस्टर कोहन की कृतिम गहनों की दुकान में कई बार आ चुकी थी. नवंबर के पहले दिन से तो वो एक हफ्ते प्रतिदिन ही आयी थी..उसके कपडे साफ़ तो होते थे परन्तु बहुत ही पुराने थे.
मिस्टर कोहन की दुकान पर पांच लड़कियां गहनों की बिक्री का काम करती थी.
उन्होंने एक दिन उस छोटी लड़की को भगाने का प्रयास किया था, परन्तु मिस्टर कोहन ने उनको रोक दिया था, ये बेचारी छोटी सी लड़की हमारा क्या नुक्सान कर सकती है? बेचारी दुकान में सजाई हुई चीजों को ही तो देखती रहती है.
दुकान में काम करने वाली लड़कियों ने उस दिन के बाद उस छोटी लड़की को कुछ नहीं कहा.
वो हफ्ते में तीन या चार बार आती थी सभी अलमारियों में सजा कर रखे हुए सुन्दर गहनों को देखती थी और चली जाती थी. वो आते ही सबको गुड मॉर्निंग या गुड डे कहती थी और जाते हुए भी गुडबाई कहती थी.
मिस्टर कोहन देखा करते थे के वो लड़की विभिन्न गहनों को बहुत ही ध्यान से देखती थी.. वो अंगूठियों को कभी नहीं देखती थी.
मिस्टर कोहन के हिसाब से उनकी दुकान में सबसे सुन्दर तो अंगूठियां ही थी. वो उस छोटी लड़की से पूछना चाहते थे के वो बालियों, कड़ों, चूड़ियों, हारों, को