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बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)
बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)
बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)
Ebook92 pages42 minutes

बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)

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About this ebook

अगर आप एक विचारशील अभिभावक हैं तो आप अपने बच्चों को अवश्य ही सुन्दर सुन्दर ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाना चाहेंगे. इस पुस्तक में प्रस्तुत की गयी कहानियां बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करने के साथ साथ उनका बहुत मनोरंजन भी करेंगी.

इस श्रंखला की ये तीसरी पुस्तक है. कुछ समय के बाद इस श्रंखला का चौथा भाग भी प्रकाशित होने वाला है. आप देश विदेश जहां भी हों अपनी भाषा से जुड़े रहने का ये एक सुन्दर साधन है. आप इस पुस्तक को अपने कम्प्यूटर, आईपैड, टैबलेट, या मोबाईल पर डाउनलोड करके आसानी से पढ़ सकते हैं.

शुबकामनाएं

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJul 5, 2017
ISBN9781370514786
बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    बच्चों की दुनिया - Raja Sharma

    Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)

    Raja Sharma

    Copyright@2017 Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)

    Copyright

    दो शब्द

    दूसरों से तुलना

    मन में शक्तियां

    मेरे तीन गुरु

    शोक सन्देश

    तात्कालिक सुन्दरता

    पैसा और प्रसन्नता

    व्यवहार और प्रमाणपत्र

    गुरु का स्थान

    कभी बंद कभी खुली

    समाधान

    राजधर्म

    समस्याएं हैं तो समाधान हैं

    सच्चाई

    सामना करिये

    टैक्सी वाला

    परिश्रमी पिता

    उनको भी कुछ समय दीजिये

    धन कोई गुण नहीं

    इज़्ज़त कमाई जाती है

    मैं आशा हूँ

    दो शब्द

    अगर आप एक विचारशील अभिभावक हैं तो आप अपने बच्चों को अवश्य ही सुन्दर सुन्दर ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाना चाहेंगे. इस पुस्तक में प्रस्तुत की गयी कहानियां बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करने के साथ साथ उनका बहुत मनोरंजन भी करेंगी.

    इस श्रंखला की ये तीसरी पुस्तक है. कुछ समय के बाद इस श्रंखला का चौथा भाग भी प्रकाशित होने वाला है. आप देश विदेश जहां भी हों अपनी भाषा से जुड़े रहने का ये एक सुन्दर साधन है. आप इस पुस्तक को अपने कम्प्यूटर, आईपैड, टैबलेट, या मोबाईल पर डाउनलोड करके आसानी से पढ़ सकते हैं.

    शुबकामनाएं

    राजा शर्मा

    दूसरों से तुलना

    एक जंगल में एक कौवा रहता था. उसके जीवन में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. उसने कभी भी दूसरे पक्षी नहीं देखे थे.

    एक दिन उसने एक हंस देखा. वो उस हंस के सफ़ेद रंग से बहुत प्रभावित किया. उसको वो हंस बहुत ही सुन्दर लगा. उसने अपने मन में सोचा के हंस ही सबसे सुन्दर और सुखी पक्षी है. उसको अपने काले रंग से घृणा होने लगी.

    जब उससे सहन नहीं हुए तो उसने हंस से बात करके अपने मन की बात बताने का निर्णय लिया. उसने हंस के सफ़ेद रंग और उसकी सुंदरता की प्रशंसा की और अपने मन की बात उस हंस को बता दी.

    पूरी बात सुनने के बाद, उस हंस ने कौवे से कहा, "मित्र, ऐसा बिलकुल नहीं है. पहले मैं भी अपने आप को और सभी पक्षियों से सुखी मानता था, पर एक दिन जब मैंने एक तोते को देखा तो मुझे लगा के मैं गलत था.

    तोते का सुन्दर हरा रंग और मीठी बोली ने मुझे बहुत प्रभावित किया. उस दिन मैंने सोच लिया के तोता ही सबसे सुन्दर और सुखी होता है."

    कौवा तो असमंजस में पड़ गया क्योंकि उसने तो हंस को ही सबसे सुन्दर और सुखी मान लिया था. फिर भी उसने तोते को खोजने का निर्णय लिया.

    इधर उधर उड़ने और खोजने के बाद उसको तोता मिल ही गया. उसके हरे रंग और मीठी आवाज ने कौवे को बहुत ही प्रभावित किया. उसने तोते की प्रशंसा की और अपने मन की बात उस तोते को भी बता दी.

    तोते ने कुछ सोचते हुए कहा, मैं भी बहुत ही सुखी जीवन बिता रहा था, परन्तु एक दिन मैंने एक मोर को देखा और मैं चकित हो गया. मोर के तो बहुत से रंग थे और उसके फैले हुए पंख मुझे सबसे सुन्दर लगे. मुझे लगा के मोर ही सबसे सुन्दर और सुखी था.

    कौवे ने मोर को देखने का निर्णय किया. उसने इधर उधर बहुत खोजा पर उसको मोर नहीं मिला. अंत में वो एक चिड़ियाघर में जा पहुंचा. उसको मोर मिल गया. बहुत से लोग उस मोर को देख रहे थे और उसकी प्रशंसा कर रहे थे.

    जब लोग वहां से चले गए तो कौवे ने पास आकर मोर से कहा, "मित्र, तुम तो बहुत ही भाग्यशाली हो. तुम इतने सुन्दर हो और इतने लोग तुमको देखने के लिए आते हैं, जबकि मुझे तो ये लोग देखते ही उड़ा

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