बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)
By Raja Sharma
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अगर आप एक विचारशील अभिभावक हैं तो आप अपने बच्चों को अवश्य ही सुन्दर सुन्दर ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाना चाहेंगे. इस पुस्तक में प्रस्तुत की गयी कहानियां बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करने के साथ साथ उनका बहुत मनोरंजन भी करेंगी.
इस श्रंखला की ये तीसरी पुस्तक है. कुछ समय के बाद इस श्रंखला का चौथा भाग भी प्रकाशित होने वाला है. आप देश विदेश जहां भी हों अपनी भाषा से जुड़े रहने का ये एक सुन्दर साधन है. आप इस पुस्तक को अपने कम्प्यूटर, आईपैड, टैबलेट, या मोबाईल पर डाउनलोड करके आसानी से पढ़ सकते हैं.
शुबकामनाएं
राजा शर्मा
Raja Sharma
Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.
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बच्चों की दुनिया - Raja Sharma
Raja Sharma
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बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)
Raja Sharma
Copyright@2017 Raja Sharma
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All rights reserved
बच्चों की दुनिया: ज्ञानवर्धक कहानियां (3)
Copyright
दो शब्द
दूसरों से तुलना
मन में शक्तियां
मेरे तीन गुरु
शोक सन्देश
तात्कालिक सुन्दरता
पैसा और प्रसन्नता
व्यवहार और प्रमाणपत्र
गुरु का स्थान
कभी बंद कभी खुली
समाधान
राजधर्म
समस्याएं हैं तो समाधान हैं
सच्चाई
सामना करिये
टैक्सी वाला
परिश्रमी पिता
उनको भी कुछ समय दीजिये
धन कोई गुण नहीं
इज़्ज़त कमाई जाती है
मैं आशा हूँ
दो शब्द
अगर आप एक विचारशील अभिभावक हैं तो आप अपने बच्चों को अवश्य ही सुन्दर सुन्दर ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाना चाहेंगे. इस पुस्तक में प्रस्तुत की गयी कहानियां बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करने के साथ साथ उनका बहुत मनोरंजन भी करेंगी.
इस श्रंखला की ये तीसरी पुस्तक है. कुछ समय के बाद इस श्रंखला का चौथा भाग भी प्रकाशित होने वाला है. आप देश विदेश जहां भी हों अपनी भाषा से जुड़े रहने का ये एक सुन्दर साधन है. आप इस पुस्तक को अपने कम्प्यूटर, आईपैड, टैबलेट, या मोबाईल पर डाउनलोड करके आसानी से पढ़ सकते हैं.
शुबकामनाएं
राजा शर्मा
दूसरों से तुलना
एक जंगल में एक कौवा रहता था. उसके जीवन में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. उसने कभी भी दूसरे पक्षी नहीं देखे थे.
एक दिन उसने एक हंस देखा. वो उस हंस के सफ़ेद रंग से बहुत प्रभावित किया. उसको वो हंस बहुत ही सुन्दर लगा. उसने अपने मन में सोचा के हंस ही सबसे सुन्दर और सुखी पक्षी है. उसको अपने काले रंग से घृणा होने लगी.
जब उससे सहन नहीं हुए तो उसने हंस से बात करके अपने मन की बात बताने का निर्णय लिया. उसने हंस के सफ़ेद रंग और उसकी सुंदरता की प्रशंसा की और अपने मन की बात उस हंस को बता दी.
पूरी बात सुनने के बाद, उस हंस ने कौवे से कहा, "मित्र, ऐसा बिलकुल नहीं है. पहले मैं भी अपने आप को और सभी पक्षियों से सुखी मानता था, पर एक दिन जब मैंने एक तोते को देखा तो मुझे लगा के मैं गलत था.
तोते का सुन्दर हरा रंग और मीठी बोली ने मुझे बहुत प्रभावित किया. उस दिन मैंने सोच लिया के तोता ही सबसे सुन्दर और सुखी होता है."
कौवा तो असमंजस में पड़ गया क्योंकि उसने तो हंस को ही सबसे सुन्दर और सुखी मान लिया था. फिर भी उसने तोते को खोजने का निर्णय लिया.
इधर उधर उड़ने और खोजने के बाद उसको तोता मिल ही गया. उसके हरे रंग और मीठी आवाज ने कौवे को बहुत ही प्रभावित किया. उसने तोते की प्रशंसा की और अपने मन की बात उस तोते को भी बता दी.
तोते ने कुछ सोचते हुए कहा, मैं भी बहुत ही सुखी जीवन बिता रहा था, परन्तु एक दिन मैंने एक मोर को देखा और मैं चकित हो गया. मोर के तो बहुत से रंग थे और उसके फैले हुए पंख मुझे सबसे सुन्दर लगे. मुझे लगा के मोर ही सबसे सुन्दर और सुखी था.
कौवे ने मोर को देखने का निर्णय किया. उसने इधर उधर बहुत खोजा पर उसको मोर नहीं मिला. अंत में वो एक चिड़ियाघर में जा पहुंचा. उसको मोर मिल गया. बहुत से लोग उस मोर को देख रहे थे और उसकी प्रशंसा कर रहे थे.
जब लोग वहां से चले गए तो कौवे ने पास आकर मोर से कहा, "मित्र, तुम तो बहुत ही भाग्यशाली हो. तुम इतने सुन्दर हो और इतने लोग तुमको देखने के लिए आते हैं, जबकि मुझे तो ये लोग देखते ही उड़ा