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Kudrat: The Ultimate Revenge Of Nature
Kudrat: The Ultimate Revenge Of Nature
Kudrat: The Ultimate Revenge Of Nature
Ebook157 pages1 hour

Kudrat: The Ultimate Revenge Of Nature

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About this ebook

This is a very simple story based on human and nature relationship. The mankind, who is dominating the power of nature, is making harm to the nature as per he wants, by which the nature was getting destroyed. Now the nature is planning to destroy the mankind for its existence. so, who will win- Mankind or Nature?

कुदरत की ताकदो पर प्रभुत्व हासिल किया हुवा इंसान अपने आप को भगवान समज रहा है. अपने मन मुताबिक कुदरत को हानी पंहुचा रहा है. जिससे कुदरत को बहोत नुकसान हो रहा है. इंसानों के प्रदुषण के कारन वो अपनी शक्तिया खो रहा है और उसकी मृत्यु हो रही है. कुदरत अपने आप को जिन्दा रखने के लिए और इंसानों को सबक सिखाने के लिए वो इंसनोको मिटानेका फैसला करती है. कुदरत इंसानी दुनिया में अपने अवतार भेजती है. जो कुदरत के लिए इंसानो को खत्म कर देगा. तो इंसान अपने आप को बचाने के लिए कुदरत की दुनिया में जाकर कुदरत का मन बदलना चाहता है. तो फिर आगे क्या होगा ? इंसान कुदरत का मन बदलने में कामयाब हो जाएगा, या फिर कुदरत इंसानों को मिटा देगी ? ये सारी कहानी इस बुक में है.

Languageहिन्दी
Release dateJan 1, 2016
ISBN9781311949004
Kudrat: The Ultimate Revenge Of Nature
Author

Nilesh C. Chandurkar

मे भारत देश का एक छोटासा लेखक हु. वैसे मे लेखक नाही हु, वो मेरी हॉबी हे. मन मे एक प्रसिद्ध लेखक बननेकी चाहत हे. ईसी चाहत के खातीर मे कहानिया लिख कर साईट पर डाल राहा हु.

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    Kudrat - Nilesh C. Chandurkar

    Author :- Nilesh Chandrabhan Chandurkar

    I am very simple author of small town in India. This is my first Story Book and this book is for my loving Family.

    Give your important feedback at: nil44.chandurkar95@gmail.com

    This is a work of fiction. Similarities to real people, places, or events are entirely coincidental.

    KUDRAT

    THE ULTIMATE REVENGE OF NATURE

    First edition. January 1, 2016.

    Copyright © 2016 Nilesh C. Chandurkar.

    ISBN: 9781311949004

    Written by Nilesh C. Chandurkar

    शूरुवात The Beginning

    कहानी की शूरुवात होती है, 2015, नेपाल से जाहा लोग बहोत ही खूशी के साथ अपना त्योहार मना रहे थे। अचानक धरती बहोत जोरो से हिलने लगी। हिमालय पर्वत कांपने लगा। लोगो के सामने उनके अपने मरने लगे। चारो तरफ अफरा तफरी मच गइ। और पूरा नेपाल बर्बाद हो गया। नेपाल मे जो भूकंप आया उसने उसके आसपास के देशो को भी हिला डाला। भारत, जपान, चिन जैसे 6 एशियाइ देश इस विध्वंसक भूकंप की चपेट मे आ गए। जिससे जान माल का बेहद नूकसान हो गया। ऊधर यूरोप और अमेरीका मे भूकंप और तूफानो ने तभाइ मचा रखी थी। इस नैसर्गिक आपदा के वजेसे सारी दूनिया डर सी गइ। सबको लग रहा था की इंसानी सभ्यता का आखरी वक्त आ गया है। तभी दूनिया के ताकदवर देश एकजूट होकर ऎसी तकनिक का निर्मान कीया जिससे वो नैसर्गिक आपदाओसे लिपट सके।

    2098 जाहा इंसान ने बहोत बडी तरक्की कर ली है। वो अब अंतरिक्ष मे भी जिंदा रहना सिख गया है। कूद्रत की ताकदोपर काबू पाने का अमूल्य विज्ञान आज इंसान के पास है। आज का इंसान भूकंप, त्सूनामी, इत्यादी नैसर्गिक आपदाओसे कैसे लिपटना ये भली भाती जानता है। चाहे कितनी भी बडी आपदा क्यो न हो इंसान उससे कैसे ना कैसे दो दो हाथ कर ही लेता है। आजसे साठ साल पहले नैसर्गिक आपदाओ से लाखो लोगो की जान जाती थी। पर अब इन साठ सालो मे नैसर्गिक आपदाओसे सिर्फ तीन लोगो की ही जान गइ। इससे पता चलता है की इंसानो ने कूद्रत की ताकदोपर किस हद तक नियंत्रन हासील किया है। इंसान आज खूद ही बिना कूद्रत का सहारा लिए ऑक्सिजन बना सकता है, इसलिए उसे आज पेडोकी जरुरत महसूस नही हूइ और उन्होने पृथ्वी के सारे पेडो को काट दिया। पृथ्वी पर पेड ना के बराबर है। बडे बडे बिल्डींग, अलग अलग तरह की मशींस पृथ्वी पे राज कर रहे है। इंसान खूदको इस ब्रम्हांड का देवता समझने लगा। अपनी मशीनी ताकद से वो कूद्रत के हर वार को नाकाम करने लगा। खूदको देवता समझनेवाला ये इंसान भूल गया है की पृथ्वी पे अपना वजूद बनाए रखना है, तो कूद्रत की कद्र करना सिखना चाहीए। उसकी रक्षा करनी चाहीए। तभी वो इस दूनिया मे चैन से रह सकते है। पर इंसान बिलकूल इसके विरुद्ध काम कर रहा है। कूद्रत को हानी पहूचाना, उसे तबाह करना ये सब अब इंसानोका परम धर्म बन गया है। पर खूशकिस्मतीसे हमारी दूनिया मे कूछ ऎसे इंसान भी है जो अपने कूद्रत की रक्षा करना जानते है। कूद्रत को बचाने के लिए वो अपने ही भाइयो से जंग लढ रहे है। उन्ही कूछ मूठीभर इंसानो मे से एक मौर्य परिवार है, जो अपने कूद्रत के बारे मे बहोत सचेत है। मौर्य परिवार का मूखिया है श्रीमान शर्मन मौर्य और उसकी प्यारी पत्नि श्रिमती सना मौर्य। शर्मन बडा साधा इंसान है। वो शरीर से दूबला पतला, पर लंबा उंचा है। बाल काले रंग के है। शरीर का रंग सावला है और उसकी नाक पे हमेशा एक चश्मा बैठा रहता है, जो बडा ही स्टाइलिश था। शर्मन की पत्नी सना बेहद खूबसूरत और समजदार न्यूज रीपोर्टर है। वो भी शर्मन के तरह दूबली पतली झिरो फिगर वाली मॉ है। काले सोनेरी बाल जिसे वो हमेशा बांधे रखती थी। उसकी ऑखे निली और होठ लाल है। उसे देखकर ये नही कह सकते थे की वो दो बच्चो की मॉ है। इन दोनो के बहोत प्यारे दो बच्चे है। जिसमे सबसे बडी लडकी का नाम सृष्टि है, जो 17 साल की है। वो भी अपनी मॉ की तरह बेहद सूंदर है। काले घने बाल। गोल गोल ऑखे, झिरो फिगर, पर बेहद शर्मिली। बाते करना उसे ज्यादा पसंद नही था, पर छोटे भाइ पे बडी बहन होने का रोब जमाने मे उसे बडा मजा आता था और छोटे लडके का नाम नमित है, जो 13 साल का है। वो अपने परीवार वालो से बिल्कूल अलग था। वो ना तो जादा मोटा है नाही दूबला पतला वो बिल्कूल मध्यम है। वो बेहद शरारती है। बेवकूफ बनाना उसकी फेवराइट हॉबी थी। ये परिवार बाकीके परिवारो से कूछ अलग है। इस परिवार का हर एक सदस्य प्रकृती की पूजा करता है उसे पूरा सम्मान देता है। शर्मन और सना ने अपने बच्चो को कूद्रत से प्यार करनेको सिखाया है।

    शर्मन मौर्य भारत की सबसे बडी आय. टी. कंपनी सोनेरी इंटरनॅशनल मे सीनीयर मॅनेजर के पद पे है और सना एक न्यूज रिपोर्टर है, जो सोनेरी इंटरनॅशनल की ही एक कंपनी है। सृष्टि और नमित स्कूल मे अपनी पढाइ पूरी कर रहे थे। सुबह सुबह सना जागी उसे अपने ऑफिस आज जल्दी जाना था। साथ मे अपने बच्चो के लिए ब्रेकफास्ट भी बनवाना था। उसने अपने घरके रोबॉट को आदेश दिया की जल्दी से जाकर बच्चो को तयार करके निचे लाओ। और वो खूद प्रेगनेंसी किट लेके बाथरूम मे गइ, जाहा रिज्लट पॉजिटिव निकला। वो खूश हूइ। उसे याद था की उसने शर्मन से काहा था की उसे और बच्चे नही चाहीये। पर अब जब वो प्रेगनेंट है तो उसे उन बच्चो को इस दूनिया मै लाना था। वो ये बात शर्मन को सरप्राइज इेकर बताना चाहती थी। वो शर्मन को जगाने गइ। सुबह सुबह सना को देखके शर्मन अचानक ‌‌‌रोम्याँटीक हो गया और सना के साथ इश्कबाजी करने लगा। तभि बच्चो ने जगाने आए रोबॉट को सोने दो ऎसा काहा पर रोबॉट नही माना तब नमित ने रोबॉट को कंफ्यूज करना चालू कर दिया। उसने रोबॉट से काहा की तूम्हे किसकी देखभाल करने को याहा रख है। रोबॉट ने काहा, आप दोनो की देखभाल के लिए ।

    फिर तूम्हारा मालिक कौन हूआ ? , नमित ने पूछा।

    तो जवाब मिला आप, तब याहासे जाओ हमे मत सताओ, ये मेरा आर्डर है। , नमित ने अपना स्लिपिंग कॅपसूल बंद कर दिया और सो गया। कंफ्यूज रोबॉट बेचारा सना को खोजते हूए उनके रुम तक पहूचा जाहा सना और शर्मन का रोमांस चल रहा था। उसने उन दोनो का रोमांस देखा और बोला ‘ मूझे माफ करो मेने कूछ रेकॉर्ड नही किया ।’ वो दोनो जल्दीसे एकदूसरेसे अलग हो गए।

    सना ने काहा, मेने तूम्हे कितनी बार काहा की कमरे मे आने से पहले हमसे पूछा करो । ये कहकर वो अपने बच्चो को जगाने उपर चली गइ। नमित और सृष्टि पैर पसारके अपने-अपने स्लिपींग कॅप्सूल मे सोके थे। सना ने उन दोनो को डांट फटकार लगाकर जगाया और शर्मन ऑफिस जाने की तयारी मे जूट गया। सना सबको खाना परोसकर ऑफिस के लिए निकल गइ।

    उधर सरकार के सॉटलाइट जमिन पर दो दिनो से कूछ गतिविधिया रेकॉर्ड कर रहे थे। वो गतिविधी एक स्कूल के पास वाले गार्डन मे हो रही थी। वही शर्मन बच्चो को लेकर आया, उन्हे स्कूल छोडकर अपने ऑफिस के लिए निकल गया। उन बच्चो का सरकारी स्कूल था। उस स्कूल के सामने एक बहोत बडा गार्डन था, जो करीब अस्सी साल पूराना था। जाहा रंगबिरंगी फूल थे। उसी गार्डन मे सारे बच्चे खेलते थे। उस गार्डन के साथ बहोत बच्चो की यादे जूडी हूइ थी। नमित और सृष्टि अपनी क्लास की ओर बढ रहे थे की सृष्टि अचानक रूक गइ। सृष्टि को रूका देख नमित भी रूक गया। तब उसने देखा की वो अपने क्लास के एक आकर्षक लडके की ओर देख रही थी। नमित ने सृष्टि से काहा, अरे ये तो हमारे स्कूल का सबसे हॅडसम लडका है ना। क्या तूम उसे पसंद करती हो ?

    सृष्टि उसी लडके को देखके हॉ कहती है। तभी नमित उसकी मजा लेने उसे कहता है, अरे फिर तो तूम्हे उससे बात करनी चाहीये। रूको मै उसे बूलाता हू। नमित के ये शब्द कानो मे पडते ही

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