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बच्चे सोचते हैं (काव्य संग्रह)
बच्चे सोचते हैं (काव्य संग्रह)
बच्चे सोचते हैं (काव्य संग्रह)
Ebook78 pages19 minutes

बच्चे सोचते हैं (काव्य संग्रह)

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बच्चे सोचते हैं

बच्चे सोचते हैं-
माँ कभी बीमार नहीं होती
उसके घुटनों में दर्द नहीं होता
हाथ नहीं दुखते
शरीर थकता नहीं,
वह घंटों जो कहती है
बच्चे सोचते हैं

बच्चे सोचते हैं-
माँ कभी बीमार नहीं होती
उसके घुटनों में दर्द नहीं होता
हाथ नहीं दुखते
शरीर थकता नहीं,
वह घंटों जो कहती है
बच्चे सोचते हैं

बच्चे सोचते हैं-
माँ कभी बीमार नहीं होती
उसके घुटनों में दर्द नहीं होता
हाथ नहीं दुखते
शरीर थकता नहीं,
वह घंटों जो कहती है
बच्चे सोचते हैं

बच्चे सोचते हैं-
माँ कभी बीमार नहीं होती
उसके घुटनों में दर्द नहीं होता
हाथ नहीं दुखते
शरीर थकता नहीं,
वह घंटों जो कहती है
बच्चे सोचते हैं

बच्चे सोचते हैं-
माँ कभी बीमार नहीं होती
उसके घुटनों में दर्द नहीं होता
हाथ नहीं दुखते
शरीर थकता नहीं,
वह घंटों जो कहती है

Languageहिन्दी
Release dateMay 6, 2018
ISBN9780463287941
बच्चे सोचते हैं (काव्य संग्रह)
Author

वर्जिन साहित्यपीठ

सम्पादक के पद पर कार्यरत

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    बच्चे सोचते हैं (काव्य संग्रह) - वर्जिन साहित्यपीठ

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