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मन के बोल - भाग - 1: मेरी कविताएं
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मन के बोल - भाग - 1: मेरी कविताएं
Ebook75 pages20 minutes

मन के बोल - भाग - 1: मेरी कविताएं

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सांसारिक सत्य, प्रेम, वियोग, विरह की पीड़ा, आधुनिक लोकतंत्र, उत्साह से भरपूर, हास्य- व्यंग्य, तुनक मिजाजी और वो सब कुछ जो आप एक पुस्तक से चाहते हैं। इस एक ही रचना में मानो कवि ने गागर में सागर भर दी हो। निश्चित ही आज तक की आपकी पठित समस्त रचनाओं में ये पुस्तक उत्कृष्ट की श्रेणी में स्थान पाएगी। हर वर्ग, हर मूड, हर व्यक्तित्व और हर वक्त के हिसाब से आपके लिए लेखक ने अपनी इस एक रचना में अपना शत – प्रतिशत झोंक दिया है। प्रेम की असीम संवेदना से लेकर, पीड़ा की पराकाष्ठा, विरह की वेदना, नश्वर संसार का सत्य, राजनीति की घोर वीभत्सता, कुछ चुलबुला पन, सकारात्मक विचारों की ऊर्जा और न जाने क्या – क्या अपने अंदर समेटे हुए ये पुस्तक आपको साहित्य के चरम तक ले जाएगी, ये हमारा आपसे वादा है।

Languageहिन्दी
PublisherPencil
Release dateApr 6, 2021
ISBN9789354580222
मन के बोल - भाग - 1: मेरी कविताएं

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    मन के बोल - भाग - 1 - महेश भट्ट

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