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श्लोका- Everyday: शिव तांडव स्त्रोत का पहला अंश और अर्थ.
Fromश्लोका- Everyday
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Length:
1 minute
Released:
Sep 5, 2022
Format:
Podcast episode
Description
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्यलम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिवो शिवम्।।
भावार्थ:भगवान शिव शंभू के जटाओं से निकलने वाले जल से भगवान शिव शंकर का कंठ पवित्र है,भगवान शिव शंकर के गले में सांप की एक माला है नाग की एक माला है, भगवान शिव शंकर के डमरू में डमडम कि संगीत होती है,भगवान शिव शंभू शिव तांडव नृत्य करते हैं, भगवान शिव शंभू हम सभी को प्रसन्नता प्रदान करें।See omnystudio.com/listener for privacy information.
भावार्थ:भगवान शिव शंभू के जटाओं से निकलने वाले जल से भगवान शिव शंकर का कंठ पवित्र है,भगवान शिव शंकर के गले में सांप की एक माला है नाग की एक माला है, भगवान शिव शंकर के डमरू में डमडम कि संगीत होती है,भगवान शिव शंभू शिव तांडव नृत्य करते हैं, भगवान शिव शंभू हम सभी को प्रसन्नता प्रदान करें।See omnystudio.com/listener for privacy information.
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Sep 5, 2022
Format:
Podcast episode
Titles in the series (100)
श्लोका- Everyday: भगवत गीता: क्यूँ जीना चाहिए हमें वर्तमान समय में ? by श्लोका- Everyday