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अपसामान्य (रहस्य, रोमांच)
अपसामान्य (रहस्य, रोमांच)
अपसामान्य (रहस्य, रोमांच)
Ebook39 pages17 minutes

अपसामान्य (रहस्य, रोमांच)

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About this ebook

उसका इंतजार
फिर कॉलेज में
कैफेटेरिया
हनी और विक्की
गायब हो गए

अपसामान्य शब्द आपको शायद जाना पहचाना सा ना लगे, लेकिन सरल ढंग से आपको समझाए तो इसका संबंध उस चीज या उस जीव या उस घटना से होता है जो इंसानी नहीं होती है, जिसमें भूत, प्रेतों, या आत्माओं का हाथ होता है। अपसामान्य को अंग्रेजी में पैरानॉर्मल कहते हैं!

शुभकामना

प्रोफेसर राजकुमार शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJan 9, 2023
ISBN9798215027035
अपसामान्य (रहस्य, रोमांच)

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    अपसामान्य (रहस्य, रोमांच) - प्रोफेसर राजकुमार शर्मा

    उसका इंतजार

    जल्दी जल्दी गहन होते अँधेरे में मैं सिटी पार्क के अंदर एक घंटे से अधिक समय से धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहा था।

    लकड़ी और लोहे से बना करीब सौ वर्ष पुराना बेंच जिसपर मैं बैठा था बिलकुल भी आरामदायक नहीं था मेरे लिए।

    मेरे मन में आ रहे उदास विचार मेरी बैचनी और चिंता को और भी बढ़ा रहे थे, और पास के जंगल से धूसर-सफ़ेद कोहरा, पूरे वातावरण को दिन की तुलना में बहुत अधिक ठंडा और निराशाजनक बना रहा था।

    मैंने पेड़ों से घिरे पार्क के चारों ओर देखा जहां चारों तरफ फूलों से भरे पौधे और मखमली हरा भरा लॉन था जिसपर अक्सर नंगे पाँव चलने पर किसी नरम कालीन पर चलने का आभास होता था।

    लेकिन वे सभी शाम के काले और सफेद कंबल में धुंधले लग रहे थे।

    दूर की ओर, परिधीय लैंप पोस्ट उनके चारों ओर भयानक पीली रोशनी फेंक रहे थे।

    अंदर, बत्तियाँ काम नहीं कर रही थीं, बत्तियों के खम्भे लम्बे और खामोश प्रहरी की तरह खड़े थे।

    मेरी आँखें एमोन को ढूँढ़ रही थीं, परन्तु वह कहीं दिखाई नहीं दे रही थी। मैं उठा और अपनी तरफ की बेंचों का सर्वेक्षण किया।

    शायद वो पहले ही आ चुकी थी और मेरा इंतज़ार कर रही थी।

    मुझे पता था कि वह मेरे पास नहीं आएगी। पिछले रविवार को तूफानी और गरमागरम शब्दों के आदान-प्रदान के बाद मुझे उम्मीद नहीं थी के वो आएगी; हम दोनों में अक्सर ही छोटे मोटे झगडे और वाद विवाद हो

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