कोचीन कहानियाँ
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About this ebook
कोचीन की पृष्ठभूमि में लिखी गयीं सवेदनशील ,सामाजिक और मनोरंजक कहानियाँ ।
Ravi Ranjan Goswami
रवि रंजन गोस्वामी जी का मूल निवास स्थान उत्तर प्रदेश का शहर झाँसी है। आप भारतीय राजस्व सेवा में एसिस्टेंट कमिश्नर सीमाशुल्क के पद पर कोचीन (केरल) में कार्यरत हैं। आप हिंदी के कटेम्पोरेरी लोकप्रिय लेखकों में से एक है। आशा है गोस्वामीजी का कविता संग्रह संवाद आपको पसंद आएगा।
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कोचीन कहानियाँ - Ravi Ranjan Goswami
1
भाग्य
माधवन पिल्लई बीस वर्षों दुबई में नौकरी करने के पश्चात वापस केरल आ गये। उन्होंने सोच रखा था ज़िंदगी भर मेहनत करके जो पैसे बचाये थे उसका अब वह सुख भोगेंगे । उनकी पत्नी लता कोचीन के एक महाविद्यालय में हिन्दी की प्राध्यापिका थी और सेवा निवृत हो चुकी थीं । सर्विस में रहते हुए दोनों लोग साल में तीन चार माह से अधिक साथ में कभी नहीं रहे थे । कभी बेटे शशि के साथ छुट्टियों में लता पति के पास दुबई चली जातीं थी । कभी छुट्टी मिलने पर माधवन कोचीन आ जाते ।
बेटा शशि बड़ा हो गया था । उसने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी लेकिन नौकरी वह सेंट्रल एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कर रहा था । अपनी नौकरी से वो संतुष्ट भी था ।
माधवन तृश्शूर के रहने वाले थे । सेवानिवृत्ति के पश्चात रहने के लिये उन्होंने तृश्शूर में ही एक दो मंज़िला मकान बनवाया था । मकान बहुत सुंदर और आधुनिक सुख सुविधाओं से सम्पन्न था । शशि की पोस्टिंग अलवाये में थी जो अधिक दूर नहीं था । अतः शशि माता पिता के साथ ही रहता था । कुल मिलाकर माधवन और उनके परिवार का जीवन खुश हाल था । कुछ दिनों पहले शशि के विवाह के लिये एक लड़की का प्रस्ताव आया था ।
उस दिन सुबह से बारिश हो रही थी । वैसे पिछले दो तीन दिन से लगातार बारिश हो रही थी ।
दोपहर के खाने के बाद वे तीनों ड्राइंग रूम में बैठ कर टी वी देखते हुए शशि के विवाह के संबंध में बाते कर रहे थे ।
माधवन ने लता से कहा , " लड़की कोचीन की है और तुम्हारे कॉलेज में पढ़ी है । तुम्हें याद है कभी देखा हो ?
लता ने शशि से पूछा, क्या नाम बताया था लड़की का ?
शशि ने कहा, लक्ष्मी ।
लता बोली, " इस नाम की तो अनेक छात्राएँ थीं । उनमें ये कौन सी थी अनुमान लगाना मुश्किल है ।
माधवन ने कहा, "अगले महीने सितंबर में हम