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जरूरत एवं अन्य कहनियाँ
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Ebook39 pages20 minutes

जरूरत एवं अन्य कहनियाँ

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About this ebook

कोई कितना भी दार्शनिक ज्ञान बांटे कि मनुष्य इस दुनिया में अकेला आया है और इस दुनिया से अकेला जायेगा किन्तु जब तक वह इस दुनिया में है उसे परिवार और समाज की हमेशा जरूरत रहती है और चाहे भी तो इनसे पृथक नहीं हो सकता।

Languageहिन्दी
Release dateApr 29, 2021
ISBN9781005940768
जरूरत एवं अन्य कहनियाँ
Author

Ravi Ranjan Goswami

The author is a science graduate,a revenue officer(IRS) by profession,writes poetry in Hindi and fiction in Hindi and English,lives in Cochin,Kerala,India.

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    जरूरत एवं अन्य कहनियाँ - Ravi Ranjan Goswami

    जरूरत

    एवं अन्य कहानियाँ

    रवि रंजन गोस्वामी

    1

    जरूरत

    कोई कितना भी दार्शनिक ज्ञान बांटे कि मनुष्य इस दुनिया में अकेला आया है और इस दुनिया से अकेला जायेगा किन्तु जब तक वह इस दुनिया में है उसे परिवार और समाज की हमेशा जरूरत रहती है और चाहे भी तो इनसे पृथक नहीं हो सकता।

    एक ट्रक चंद्रशेखर शर्मा के अपार्टमेंट के आगे आकर रुका। उत्सुकताबश  उनकी पत्नी रमा ने खिड़की से बाहर झाँका और उनसे कहा , लगता है बगल वाले फ़्लैट में कोई रहने आया है। उसका सामानआया है।  बगल वाला  फ़्लैट बहुत दिनों से खाली पड़ा था। फ़्लैट के मालिक से अधिक शर्मादम्पति को इन्तजार था कि शीघ्र बगल वाले फ़्लैट में कोई आये । उनके फ्लोर पर सूना सूना लगता था।

    उनका फ़्लैट 4 वे माले पर था। ऊपर से अर्ध षट्कोण के आकार की १५ माले की इमारत में हर माले पर तीन फ़्लैट थे। उनके फ्लोर पर एक फ़्लैट में एक नव दम्पति थे।  पति पत्नी दोनों नौकरी करते थे।  सुबह जाते , सीधे रात को लौटते  और घर में बंद हो जाते थे।                                                                                     

    ट्रक के साथ आये मजदूरों ने सामान चढ़ा दिया। चंद्रशेखर ने स्वयं ही नीचे जाकर सामान उतरने का निरीक्षण किया। ट्रक मुंबई से आया था किन्हीं  राकेश माल्या   का।  जो किसी मल्टी नेशनल कंपनी में काम करता था । ये सारी जानकारी चंद्रशेखर ने मिसेज को दीं।

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