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अज़नबी लड़की अज़नबी शहर: Fiction, #1
अज़नबी लड़की अज़नबी शहर: Fiction, #1
अज़नबी लड़की अज़नबी शहर: Fiction, #1
Ebook118 pages1 hour

अज़नबी लड़की अज़नबी शहर: Fiction, #1

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About this ebook

पाठकगण, आपका तहे दिल से स्वागत। आज आपके हाथ में मेरे द्वारा लिखी गई दूसरी पुस्तक "अजनबी लड़की अजनबी शहर" है। साथियों, आप किसी भी शहर में चले जाइए हर जगह इश्क करने वाले आशिक मिल जाएंगे। कोई प्यार में टूटा है तो किसी का इश्क परवान चढ़ रहा होता है। इश्क की कहानी अक्सर कॉलेज लाइफ में शुरू होती है। अजनबी लड़की अजनबी शहर भी ऐसी ही एक कहानी है। अनजान शहर में एक लड़की से मुलाकात होना, मुलाकात इश्क में बदल जाना और हमेशा के लिए गुमनाम हो जाना। दिल को बहुत दर्द दे जाती है। आप सबों ने अधूरा इश्क अधूरी कहानी को ढेर सारा प्यार दिया, उसके लिए दिल से शुक्रिया। मुझे उम्मीद है अजनबी लड़की अजनबी शहर को भी प्यार देंगे। ये पुस्तक आपके स्कूल और कॉलेज लाइफ के इश्क को याद दिलाएगी। अहसास करवाएगी।

Languageहिन्दी
Release dateJul 13, 2021
ISBN9789391078683
अज़नबी लड़की अज़नबी शहर: Fiction, #1

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    अज़नबी लड़की अज़नबी शहर - Deepak Rajsuman

    Authors Tree Publishing

    KBT MIG - 8, Housing Board Colony

    Bilaspur, Chhattisgarh 495001

    Published ByAuthors Tree Publishing 2021

    Copyright © Deepak Rajsuman 2021

    All Rights Reserved.

    ISBN: 978-93-91078-68-3

    MRP: Rs. 200/-

    This book has been published with all reasonable efforts taken to make the material error-free after the consent of theAuthor. No part of this book shall be used, reproduced inAny manner whatsoever without written permission from theAuthor, except in the case of brief quotations embodied in critical Articles and reviews. The Author of this book is solely responsible and liable for its content including but not limited to the views, representations, descriptions, state-ments, information, opinions and references [content]. The content of this book shall not constitute or be construed or deemed to reflect the opinion or expression of the publisher or editor. Neither the publisher nor editor endorse or approve the content of this book or guarantee the reliability, Accuracy or completeness of the content published hereinAnd do not makeAny representations or warranties ofAny kind, express or implied, including but not limited to the implied warranties of merchantability, fitness forA particular purpose. the publisher And editor shall not be liable whatsoever for Any errors, omissions, whether such errors or omissions result from negligence, Accident, orAny other cause or claims for loss or damagesa ofAny kind, including without limitation, indirect or consequential loss or damage Arising out of use, inability to use, or About the reliability, Accuracy or sufficiency of the information contained in this book.

    अजनबी लड़की

    अजनबी शहर

    डॉ. ब्रजेश कुमार भारतीय जी का आभार ।

    X

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    मेरे मित्र डॉक्टर ब्रजेश कुमार भारतीय जी का जन्म बिहार के बांका जिले में हुआ है। मम्मी का जॉब झारखंड में होने की वजह से उनके पूरे परिवार का रहना झारखंड में ही है। डॉ ब्रजेश कुमार जी Kempegowda institute of Medical Sciences बैंगलोर से M.B.B.S की पढ़ाई किए है और वर्तमान समय में अपना निजी क्लीनिक चलाकर लोगों की सेवा कर रहे हैं।

    डॉ ब्रजेश कुमार भारतीय जी हिंद की आवाज डॉट कॉम न्यूज वेब पोर्टल के संस्थापक है। उनका मुख्य उद्देश्य है की आज स्वतंत्र मीडिया के नाम विशेष विचारधारा को थोपा जा रहा है उसे रोका जाए और अपने वेब जर्नलिज्म के जरिए लोगों को सही जानकारी दी जाए। ये सेवा भी वो मुफ्त दे रहें हैं।

    उन्होंने मेरी पहली पुस्तक अधूरा इश्क अधूरी कहानी को पढ़ा है और उनका मानना है की आज के युवाओं को ऐसी किताबें पढ़नी चाहिए। जिंदगी चार दिनों की होती है और अगर चार दिन सिर्फ पैसे कमाने के लिए आपने जिया है तो क्या जिया, जिंदगी भी जिया जाए। वो कहते है मेरा बचपन से सपना रहा है लोगों की सेवा करना इसलिए मैं मेडिकल क्षेत्र में आया हूं। यहां से मैं गरीब लोगों की मदद कर सकता हूं।

    डॉ ब्रजेश कुमार भारतीय जी मेरे परम मित्रों में से एक है। अक्सर ये राजनीतिक घटना क्रम पर ब्लॉग भी लिखते है। लोगों को जागरूक करते है। मैं उनको विशेष रूप से भी आभार प्रकट करना चाहता हूं की उन्होंने अजनबी लड़की अजनबी शहर को लिखने में काफी सहयोग किया है। मुझे उम्मीद है ब्रजेश जी आगे ऐसे ही लोगों की सेवा करते रहेंगे।

    धन्यवाद ब्रजेश कुमार जी

    दीपक राजसुमन

    X

    अपने दिल की बात

    X

    पत्रकारिता का छात्र हूं लिखना, पढ़ना और किसी भी मुद्दों पर बोलना हमारा काम है। जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का तांडव जारी था तो हम जैसे मध्यम वर्ग के लोग घरों में बंद थे आगे क्या होगा, क्या होने वाला है किसी को नहीं पता, आंखों में सिर्फ मौत का खौफ था। बच जाने की उम्मीद थी।

    ऊपरवाले के सामने सब कुछ सामान्य होने की गुजारिश थी। ऐसी ही उम्मीद मुझे भी था। अप्रैल 2021 में कोरोना की वजह से कॉलेज बंद हुआ तो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था आगे क्या करूंगा।

    मैं उसी कश्मकश में था, कई दिन और कई रात इसी पर सोचता रहा है इस बारे में कई दोस्तों से बात किया की आगे क्या करू कुछ सुझाव दो तो मेरे दोस्तों ने कहा की आज चारों तरफ कोरोना महामारी है सब कुछ बंद है। लोग निराश है। हताश है।

    ऐसे पल में तुम कुछ ऐसी चीजें पेश करो। जो उनकी उम्मीद को जगाए। उनके दुखों को थोड़ा कम करे। कई दिनों तक इसपर सोचने के बाद तय किया की मैं एक ऐसी किताब लिखूं जो लोगों के लिए कुछ मरहम का काम करे।

    लेकिन मेरे पास कुछ ऐसा आइडिया नहीं था की लोग पसंद क्या करेंगे। तभी मुझे लगा की आज कॉलेज बंद है। नए नए नौजवान जो अभी एडमिशन लिया होगा उन्हें नहीं मालूम की कॉलेज लाइफ कैसा होता है उन सभी को ध्यान में रखकर मैंने अपनी पहली किताब अधूरा इश्क अधूरी कहानी के रूप में लिखा।

    इस पुस्तक को ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग ने प्रकाशन किया है। मै अपने जिंदगी में पहला किताब लिखा था तो दिल के किसी कोने में एक डर भी था की कहीं ये दांव उल्टा ना पड़ जाए लेकिन दिल के दूसरे कोने में एक छोटी सी उम्मीद थी की अगर किसी ने मेरे पुस्तक अधूरा इश्क अधूरी कहानी को प्यार नहीं दिया तो कम से कम मुझे किताब लिखने का अनुभव तो मिलेगा।

    इसी उम्मीद से मैंने अपना पहला किताब लिखा जब अधूरा इश्क अधूरी कहानी ऑनलाइन उपलब्ध हुई तो

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