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कुछ शब्द और....: क्यूंकि काफी कुछ कहना है
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Ebook69 pages20 minutes

कुछ शब्द और....: क्यूंकि काफी कुछ कहना है

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"कुछ शब्द और....(क्यूंकि काफी कुछ कहना है)", एक कविता संकलन है। प्रेम, प्रकृति व समाज में होने वाली गतिविधियों को कविताओं के रूप में बताया गया है। ये किताब उन सभी पाठको के लिए उचित है जो कविताओं में रुचि रखते हैं तथा खुद भी लिखने का प्रयत्न करते हैं।


दिव्य मित्तल, उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर से संबंध रखते हैं। इन्होंने हाल ही में लेखकों और कवियों की दुनिया में कदम रखा है। इनकी कविताओं में अक्सर प्रेम और समाज में होने वाली घंटनाओ के बारे में जिक्र होता है। प्रकृति प्रेमी होने के कारण इनकी कविताओं में पेड़, नदी, पहाड़ व अन्य चीजों को झलक भी देखी जा सकती है। 
कविताओं के साथ साथ कलाकारी भी जानते हैं तथा पूरी दुनिया में अपना नाम करने कि इच्छा रखने वाले दिव्य, धरती से जुड़े हुए और सदा मुस्कुराने वाले व्यक्ति है। हालांकि दिव्य विज्ञान के विद्यार्थी हैं पर उनकी रुचि लेखन व साहित्य में काफी समय से थी। जब लोगों से अपने मन की बातें साझा हुई तो उनको प्रोत्साहन मिला और कविताएं लिखना शुरू करा। सन् 2019 से अब तक काफी लोग इनसे जुड़ चुके हैं और ये संख्या बढ़ने पर है।

ये किताब इनकी संरचनाओं का एक संकलन है। 

Languageहिन्दी
PublisherPencil
Release dateApr 6, 2021
ISBN9789354385254
कुछ शब्द और....: क्यूंकि काफी कुछ कहना है

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    कुछ शब्द और.... - दिव्य मित्तल

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