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आपका भाग्य: Dream And Development
आपका भाग्य: Dream And Development
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Ebook95 pages47 minutes

आपका भाग्य: Dream And Development

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About this ebook

About the book:
जैसा कि आप इस किताब के नाम से ही समझ गए होंगे कि इसमें क्या हो सकता है। यह किताब उन लोगों के लिए हैं जो अपनी जिंदगी बदलना चाहते है। खुश रहना चाहते है। जो लोग बुरे समय को अपने भाग्य का लेखा समझकर टाल देते है तो मैं आपको बताना चाहती हू की आपका भाग्य आपके हाथ में है।इस किताब मे अपने भाग्य को बदलने के लिए और मनचाहा जीवन जीने k लिए तरीके दिए गए है। अगर आप इस किताब को पढ़कर उन सभी बातो पर अमल करते हैं तो आपका भाग्य बहुत जल्द आपके हाथ में होने वाला है। इसलिए आप इस किताब को ध्यान से पढ़े और मनचाहा जीवन जीने के लिए रेडी हो जाएं।
About the author:
सपना छिल्लर हरियाणा में झज्जर जिले के एक गांव से है! उनका जन्म 26 अक्टूबर 2001 को हुआ था! सपना अभी बी. ए तृतीय वर्ष में है! वो एक छात्रा है! उनका मकसद लोगो की जिंदगी खुशहाल बनाना है !
जब उन्होंने आकर्षण के सिद्धांत को जाना और इसके फायदे मिले तो 20 साल की उम्र में उन्होंने यह किताब मात्र चार दिन में लिख दी ! उन्होंने अपनी किताब के जरिए अपनी छ: महीनो की कहानी बताई है! इस किताब को लिखने का मकसद लोगों को यह बताना है की कैसे अपने भाग्य को बदला जा सकता है।
एक स्टूडेंट होते हुए उन्होंने जिस रहस्य को जाना वह इस किताब के माध्यम से बतलाया है।

Languageहिन्दी
PublisherPencil
Release dateMar 28, 2022
ISBN9789356105324
आपका भाग्य: Dream And Development

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    आपका भाग्य - सपना छिल्लर

    आपका भाग्य

    Dream And Development

    BY

    सपना छिल्लर


    pencil-logo

    ISBN 9789356105324

    © Sapna Chhillar 2022

    Published in India 2022 by Pencil

    Contributors:

    Editor: Varsha

    A brand of

    One Point Six Technologies Pvt. Ltd.

    123, Building J2, Shram Seva Premises,

    Wadala Truck Terminal, Wadala (E)

    Mumbai 400037, Maharashtra, INDIA

    E connect@thepencilapp.com

    W www.thepencilapp.com

    All rights reserved worldwide

    No part of this publication may be reproduced, stored in or introduced into a retrieval system, or transmitted, in any form, or by any means (electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise), without the prior written permission of the Publisher. Any person who commits an unauthorized act in relation to this publication can be liable to criminal prosecution and civil claims for damages.

    DISCLAIMER: The opinions expressed in this book are those of the authors and do not purport to reflect the views of the Publisher.

    Author biography

    सपना छिल्लर हरियाणा में झज्जर जिले के एक गांव से है! उनका जन्म 26 अक्टूबर 2001 को हुआ था! सपना अभी बी. ए तृतीय वर्ष में है! वो एक छात्रा है! उनका मकसद लोगो की जिंदगी खुशहाल बनाना है !

    जब उन्होंने आकर्षण के सिद्धांत को जाना और इसके फायदे मिले तो 20 साल की उम्र में उन्होंने यह किताब मात्र चार दिन में लिख दी ! उन्होंने अपनी किताब के जरिए अपनी छ: महीनो की कहानी बताई है!

    इस किताब के माध्यम से वह लोगों को बताना चाहती है कि अगर कोई चाहे तो वो अपना भाग्य खुद लिख सकता है! 

    Contents

    बप्पा

    Self Declaration Certificate

    Acknowledgement

    Contents.....

    INTRODUCTION

    LAW OF ATTRACTION

    UNIVERSE

    GRATITUDE

    SCRIPTING

    VISUALIZATION

    MEDITATION

    CAREER

    WHO AM I

    AFFIRMATIONS

    VISION BOARD

    HEALTH

    SAINT EXPEDITE

    BIBLE VERSES ABOUT LAW OF ATTRACTION

    LIFE CHANGING AFFIRMATIONS

    POSITIVE THINKING STORIES

    CONCLUSION

    बप्पा

    Self Declaration Certificate

    मैं _______ यूनिवर्स के contact मे आने के लिए तैयार हूं ! मैं वादा करता / करती हुं 24 घंटे खुश रहने का ! मेरी जिंदगी मैं आज से और अभी से यूनिवर्स का रोल होगा ! मैं सकारात्मक हूं ! मैं अपनी इस जिंदगी के लिए खुश हूं ! मैं यूनिवर्स से बात करने के लिए तैयार हूं! खुश रहना मेरा अधिकार है ! 

     Sign :- .............

    Acknowledgement

    मैं अपने ईश्वर को मेरे गुरु जी को और मेरे परिवार को धन्यवाद देना चाहती हुं ! मैं आज जो भी हू मेरे पापा की वजह से हूं ! वही मेरे जीवन के प्रेरक है ! मुझे आज भी याद है मैं 

    दूसरी कक्षा तक हिंदी मीडियम स्कूल में पढ़ी और फिर पापा ने मेरा दाखिला अंग्रेजी मीडियम स्कूल मैं करवा दिया ! मुझे उस समय WHY , WHAT का भी अर्थ ज्ञात नही था ! खुद को बाकी बच्चों के सामने बहुत छोटा महसूस करती थी ! कई बार तो मैं स्कूल भी नही जाना चाहती थी ! मैं अपने अंदर के ज्ञान और अपनी क्षमता को भूल चुकी थी ! मैं बस पास होने के लिए सोचती थी ! मैं एक normal student बन कर रह गई थी ! 

    जब मैं सातवीं कक्षा में थी जब मेरी परीक्षा नजदीक थी ! पापा ने उस बार हमारा टीवी देखना बिलकुल बंद करवा दिया और कहा श्याम को सात बजते ही दोनो ( मैं और मेरा भाई ) पढ़ने बैठोगे वरना पिटोगे ! बहुत मन करता था टीवी देखने का परंतु पापा सात बजे आ जाते और हम नौ बजे तक किताब लेकर बैठ जाते ! अब उन दो घंटो मे मैं क्या करती ! थक हार कर अपनी पुस्तक को दोहराने लगती ! मुझे नहीं पता उन दो घंटो मे क्या हुआ ! मुझे जो भी कुछ समझ नहीं आता उसे पढ़ने लगती ! क्योंकि उस समय पापा का डर रहता था! उस डर से मैं दो घंटे और पढ़ने लगी

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