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कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 24)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 24)
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 24)
Ebook143 pages1 hour

कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 24)

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About this ebook

विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की चौबीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

बहुत धन्यवाद

राजा शर्मा

Languageहिन्दी
PublisherRaja Sharma
Release dateJun 24, 2018
ISBN9780463521540
कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 24)
Author

Raja Sharma

Raja Sharma is a retired college lecturer.He has taught English Literature to University students for more than two decades.His students are scattered all over the world, and it is noticeable that he is in contact with more than ninety thousand of his students.

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    कथा सागर - Raja Sharma

    www.smashwords.com

    Copyright

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 24)

    राजा शर्मा

    Copyright@2018 राजा शर्मा Raja Sharma

    Smashwords Edition

    All rights reserved

    कथा सागर: 25 प्रेरणा कथाएं (भाग 24)

    Copyright

    दो शब्द

    सुखी परिवार Sukhi Parivaar

    सुखी कारावास Sukhi Karawaas

    किसी की मदद Kisi Ki Madad

    सच्चे दोस्त Sachhe Dost

    एक चुन लो Ek Chun Lo

    प्यार कठिनाइयों में बढ़ता है Pyar Kathinaiyon Mein Badhta Hai

    एक बहुमूल्य बात Ek Bahumulya Baat

    एक और मौका Ek Aur Mauka

    आखरी प्यार Akhri Pyar

    मेरे भावी प्रेमी के लिए Mere Bhavi Premi Ke Liye

    क्या बोलूं मेरे बेटे Kya Bolun Mere Betey

    प्यार के समय का इंतज़ार Pyar Ke Samay Ka Intezaar

    भ्रम का पर्दा Bhram Ka Parda

    बेटी चली Beti Chali

    दादी का पहला प्रेम Dadi Ka Pehla Prem

    दादाजी ने बचाया Dadaji Ne Bachaaya

    अठारह बरस बाद Atharah Baras Baad

    प्यारी बातें Pyari Batein

    नाचने वाली Nachne Wali

    वो दिन ये दिन Wo Din Ye Din

    माचिस वाली लड़की Machis Wali Ladki

    पुरुष के बंधन बिना Purush Ke Bandhan Bina

    पिता की चिट्ठी Pita Ki Chitthi

    मुर्दाघर (शवागार) Murdaghar

    फूलों का गुलदस्ता Phoolon Ka Guldasta

    दो शब्द

    विश्व के प्रत्येक समाज में एक पीढ़ी द्वारा नयी पीढ़ी को कथाएं कहानियां सुनाने की प्रथा कई युगों से चलती चली आ रही है. प्रारंभिक कथाएं बोलकर ही सुनायी जाती थी क्योंकि उस समय लिखाई छपाई का विकास नहीं हुआ था. जैसे जैसे समय बीतता गया और किताबें छपने लगी, बहुत सी पुरानी कथाओं ने नया जीवन प्राप्त किया.

    इस पुस्तक में हम आपके लिए 25 प्रेरणा कथाएं लेकर आये हैं. यह इस श्रंखला की चौबीसवीं पुस्तक है. हर कथा में एक ना एक सन्देश है और इन कथाओं में युवा पाठकों, विशेषकर बच्चों, के दिमाग में सुन्दर विचार स्थापित करने की क्षमता है. ये पुस्तक आपको निराश नहीं करेगी क्योंकि ये कहानियां दुनिया के विभिन्न देशों और समाजों से ली गयी हैं.

    कहानियां बहुत ही सरल भाषा में प्रस्तुत की गयी हैं. आप अपने बच्चों को ऐसी कहानियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनपर बहुत उपकार करेंगे. आइये मिलकर कथाओं की इस परम्परा को आगे बढ़ाएं.

    बहुत धन्यवाद

    राजा शर्मा

    सुखी परिवार Sukhi Parivaar

    साधना आज बहुत ही प्रसन्न दिख रही है. आज उसका जन्मदिन है और हर जन्मदिन की तरह उसको बहुत से लोगों से उपहार प्राप्त होंगे. एक दिन के लिए तो विशेष हो ही जाता है. उसको ये सब अच्छा लगता है.

    वो सुबह सुबह उठी और ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी होकर अपने बाल ठीक किये. उसके पिताजी ने पीछे से आकर उसको पीछे से अपनी बाहों में लपेट लिया और उसके सर को चूम लिया. जन्मदिन मुबारक हो मेरी बेटी. भगवान् तुमको बहुत लम्बी उम्र दे.

    साधना मुड़ी और मुस्कुरा कर बोली,धन्यवाद, डैडी. उसने अपने पिता का गाल चूम लिया. बाप ने बेटी के सर पर हाथ रखकर फिर से आशीर्वाद दिया.

    राजन, साधना के पिता, ने उसको पूछा, आज हमारी बेटी को अपने जन्मदिन पर क्या उपहार चाहिए है?

    साधना ने मुस्कुरा कर कहा, कुछ भी नहीं चाहिए, डैडी. बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनके पास जन्मदिन की मुबारकबाद देने के लिए भी समय नहीं है. साधना ने अपनी माँ की तरफ देखा. उसकी माँ अपने कामो में व्यस्त थी.

    मीरा, साधना की माँ, मुड़ी और चेहरे पर एक दुखद मुस्कान लाकर बोली, जन्मदिन बहुत बहुत मुबारक मेरी बेटी.

    साधना ने अपनी माँ की तरफ ध्यान नहीं दिया और जाने को हुई, पर उसके पिता ने संकेत किया, साधना, तुम्हारी माँ ने तुमको जन्मदिन की बधाई दी है. वो तुम्हारी माँ है. उनको धन्यवाद कहना तुम्हारा धर्म है. राजन की आवाज में गुस्सा झलक रहा था.

    मीरा ने राजन से कहा, साधना को आज कुछ मत कहिये. आज खास दिन है.

    साधना ने गुस्से में अपनी माँ को कहा, आप चुप रहिये माँ. आप ही इस सबके लिए जिम्मेदार हैं. हर वर्ष आप मेरा जन्मदिन खराब कर देती हैं. मेरे सभी दोस्त अपना जन्मदिन मनाते हैं पर मेरी ये माँ, तथाकथित सौतेली माँ, मुझे कभी भी खुश नहीं देखना चाहती है.

    इससे पहले के साधना कुछ और कह पाती उसके गाल पर एक जोरदार थप्पड़ पड़ा. राजन की आंखें गुस्से से लाल हो गयी थी. साधना ने भी गुस्से से अपनी माँ की तरफ देखा और वहां से चली गयी. मीरा ने राजन की तरफ देखा और उसके कंधे पर हाथ रख दिया.

    मीरा ने कहा, आपने उसको थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था. वो अभी बहुत छोटी है. आप समझते क्यों नहीं?

    राजन ने उसी गुस्से में कहा, १४ वर्ष की हो गयी है और उसको अब तो मालूम होना चाहिए के क्या ठीक है क्या गलत है.

    मीरा ने कहा, आज आप चुप रहिये. आज उसका जन्मदिन है और आज आपका फ़र्ज़ है के आपकी बेटी खुश रहे. मैं नहीं चाहती के मेरे कारण से हमारी बेटी मुस्कुराना छोड़ दे.

    राजन उठा और दूसरे कमरे में गया जहां उसकी बेटी सुबक रही थी. उसने बेटी के सर पर अपना हाथ रख दिया और उसको पुचकारने लगा.

    राजन ने साधना से कहा, क्या मेरी बेटी मुझसे बात नहीं करेगी? तो फिर मैं पार्टी किसके साथ मनाऊंगा?

    राजन के चेहरे पर मुस्कान देखकर साधना ने रोना छोड़ दिया और अपने पिता के गले में बाहें डाल दी. थैंक यू, डैडी. हम आज खूब मजा करेंगे.

    राजन ने कहा, चलो अब जल्दी करो और तैयार हो जाओ. आज हम तीनो पार्टी करेंगे.

    तीनो सुनते ही साधना समझ गयी के राजन उसकी माँ को भी साथ ले जाना चाहते थे. उसकी मुस्कान गायब हो गयी. फिर भी वो तैयार होने चली गयी.

    थोड़ी देर बाद एक बहुत बड़ी कार उनके दरवाजे पर आकर रुकी. राजन, मीरा, और साधना उस कार में बैठ गए. कार तालाब के किनारे के पार्क की तरफ चल दी.

    अचानक कार के सामने एक ट्रक आ गया. मीरा ने उस ट्रक को देख लिया. मीरा ने तुरंत राजन और साधना को जोर से नीचे झुका दिया और वो दो सीटों के बीच फर्श पर पहुँच गए. बहुत भयंकर दुर्घटना हुई.

    मीरा को इमरजेंसी में भर्ती कर दिया गया. राजन और साधना बिलकुल सुरक्षित थे. कार का छत नीचे आ गया था और सीधा मीरा के सर से टकराया था. साधना और राजन को बिलकुल भी चोट नहीं आयी थी.

    राजन की आँखों में आंसू देखकर साधना ने उसके कन्धों पर अपने हाथ रख दिए.डैडी, आप रोईए मत. माँ ठीक हो जाएंगी. साधना की आँखों से भी आंसू गिरने लगे.

    वो नहीं जानती थी के वो क्यों रो रही थी. उस दिन से पहले उसने कभी भी मीरा को माँ समझकर आदर नहीं किया था.

    राजन भी समझ गया के उसकी बेटी बहुत ही

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